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सूडान के अल फशेर में भीषण लड़ाई, RSF के 150 लड़ाकों की मौत, UN ने चेताया

Sudan SAF-RSF Conflict: सूडानी सेना SAF ने दावा किया है कि पश्चिमी सूडान के उत्तरी दारफुर राज्य की राजधानी अल फशेर में भीषण लड़ाई में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के 150 लड़ाकों को उन्होंने मार गिराया है.

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सूडान के अल फशेर में भीषण लड़ाई, RSF के 150 लड़ाकों की मौत, UN ने चेताया
Md Amjad Shoab|Updated: Nov 18, 2024, 01:12 PM IST
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Sudan SAF-RSF Conflict: सूडान में पिछले एक साल से भी ज्यादा वक्त से सूडानी सशस्त्र बलों ( SAF )और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच विनाशकारी संघर्ष जारी है. दोनों के बीच जारी इस घातक संघर्ष में करीब पच्चीस हजार से ज्यादा नागरिकों की मौत हो चुकी है. इस बीच, एसएएफ ने दावा किया है कि पश्चिमी सूडान के उत्तरी दारफुर राज्य की राजधानी अल फशेर में भीषण लड़ाई में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के 150 लड़ाके मारे गए.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अल फशेर में एसएएफ की 6वीं इन्फैंट्री डिवीजन की कमान ने एक बयान में कहा, "हमारे बल एल फशेर के दक्षिण-पूर्व में लगातार लड़ाई में लगे हुए हैं. अब तक कई मिलिशिया ठिकानों पर कब्जा कर लिया गया है, जिसमें दुश्मन के 150 से ज्यादा हताहत होने का अनुमान है. साथ ही यह भी कहा गया कि एसएएफ यूनिट महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल कर रही है."  वहीं, आरएसएफ ने अभी तक एसएएफ के इस दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

यूनाइटेड नेशन ने दी ये चेतावनी
सूडान में अप्रैल 2023 से एसएएफ और आरएसएफ के बीच संघर्ष जारी है. इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन के अनुमान के मुताबिक, इस घातक संघर्ष की वजह से 24,850 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 14 मिलियन ( एक करोड़ 40 लाख ) से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. हाल ही में यूनाइटेड नेशन के मानवीय सहायताकर्मियों ने चेतावनी दी है कि सूडान में बढ़ती हिंसा की वजह से हजारों लोग खतरे में हैं. यह हिंसा मानवीय संकट को और गंभीर बना रही है.

5 लाख लोगों की मुश्किल में जान
'इंटरनेशनल माइग्रेशन ऑर्गेनाइजेशन' के मुताबिक, एक महीने से भी कम वक्त में सूडान की राजधानी 'खार्तूम' के दक्षिण में अज जजीरा राज्य में 3,43,000 से ज्यादा सूडान के नागरिक विस्थापित हो गए हैं. ये नागरिक लगातार बढ़ रही लड़ाई और असुरक्षा के बीच मौजूद हैं.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक उनमें से ज्यादातर पड़ोसी राज्यों 'गेदारेफ' और 'कसाला' भाग गए हैं, जहां यूनाइडेट नेशन्स और उनसे साझेदार, मेजबान लोगों के साथ मिलकर खाना, शेल्टर, हेल्थ केयर, मनोवैज्ञानिक सर्विसेस, पानी और स्वच्छता समेत इमरजेंसी मदद देने के लिए काम कर रहे हैं.

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