Sudan Violence: पिछले दो सालों से सूडान में रैपिड सपोर्ट फोर्स और सूडानी सेना के बीच संघर्ष चल रहा है. इस हिंसा में अब तक लाखों लोग बेघर हो चुके हैं. यह लड़ाई जल्द ही खत्म होने वाली है, क्योंकि सूडानी सेना ने रैपिड सपोर्ट फोर्स के कब्जे वाले शहरों और गांवों पर नियंत्रण करना शुरू कर दिया है. इस बीच सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) के कमांडर अब्दुल फतह अल-बुरहान ने खार्तूम में राष्ट्रपति भवन से ऐलान किया है कि 'खार्तूम स्वतंत्र है.'
सूडान टीवी के मुताबिक, उन्होंने राजधानी पर रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के नियंत्रण के आखिर का जिक्र किया. सूडान के संक्रमणकालीन संप्रभु परिषद के अध्यक्ष अल-बुरहान ने बुधवार को एक संक्षिप्त संबोधन में कहा, 'खार्तूम स्वतंत्र है, और मसला अब खत्म है.' उन्होंने सूडानी सेना के सैनिकों और सहायक बलों की तारीफ की, जिन्होंने आरएसएफ को बाहर निकालने और प्रमुख राज्य संस्थानों को सुरक्षित करने के लिए 'कड़ी लड़ाई' लड़ी.
सूडान टीवी की तरफ से प्रसारित वीडियो फुटेज में अल-बुरहान को राष्ट्रपति भवन में घूमते हुए दिखाया गया. वहीं महल की सुरक्षा के लिए तैनात सैन्य इकाई के अधिकारी और सैनिक उन्हें घेरे हुए थे. संप्रभु परिषद मीडिया के एक बयान के मुताबिक, अल-बुरहान बुधवार को हेलीकॉप्टर के जरिए खार्तूम पहुंचे. वह खार्तूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे. अप्रैल 2023 में संघर्ष शुरू होने के बाद से वहां उतरने वाला यह पहला विमान था. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति भवन जाने से पहले हवाई अड्डे की सुरक्षा करने वाली सैन्य इकाइयों का निरीक्षण किया.
आरएसएफ के कब्जे में था एयरपोर्ट
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले दिन में, एसएएफ ने ऐलान किया है कि कि उसने खार्तूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को फिर से अपने कब्जे में ले लिया है. यह एयरपोर्ट अप्रैल 2023 के मध्य से आरएसएफ के नियंत्रण में था. एसएएफ ने यह भी ऐलान किया कि राजधानी में अर्धसैनिक बलों के आखिरी प्रमुख गढ़ - जबल अवलिया शहर में तैयबा अल-हसनाब शिविर पर भी कब्जा कर लिया.
इस राज्य की राजधानी पर सेना का कब्जा
2024 की शुरुआत से, सेना ने महत्वपूर्ण क्षेत्रीय लाभ अर्जित किए हैं, विशेष रूप से खार्तूम के उत्तर में, ओमदुरमान में सेना ने ग्रेटर ओमदुरमान को फिर से हासिल किया और शक्ति संतुलन को अपने पक्ष में मोड़ लिया. सितंबर के अंत में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया गया, जिससे सेना का मध्य खार्तूम और पश्चिमी बहरी के कुछ हिस्सों पर फिर से कब्जा हो गया. राजधानी से परे, सेना ने अक्टूबर की शुरुआत में सिन्नर राज्य के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा कर लिया. 11 जनवरी को गीजीरा राज्य की राजधानी वाड मदनी पर भी उसका नियंत्रण हो गया. हालांकि, कई छोटे शहर अभी भी आरएसएफ के नियंत्रण में हैं.
सेना ने किया ये ऐलान
शुक्रवार को सेना ने ऐलान किया है कि इसने राष्ट्रपति भवन और केंद्रीय खार्तूम में प्रमुख सरकारी मुख्यालय पर नियंत्रण हासिल कर लिया है, जो राजधानी में आरएसएफ के सबसे प्रमुख गढ़ों में से एक थे. अप्रैल 2023 के मध्य से सूडान एसएएफ और आरएसएफ के बीच विनाशकारी संघर्ष में उलझा हुआ है जिसमें हजारों लोगों की जान जा चुकी है.