Sydney Protest for Palestine: इजराइल लगातार गज़ा में फिलिस्तीनियों का नरसंहार कर रहा है. इजराइली हमलों में अब तक 60 हजार से ज्यादा बेगुनाह फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं, जबिक लगभग डेढ़ लाख लोग घायल हैं. वहीं, बीते कई दिनों से इजराइली नाकाबंदी की वजह से गज़ा में खाने पीने की किल्लत हो गई है. गज़ा में भूख और कुपोषण से 175 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 93 बच्चे शामिल हैं. कई लोगों के हालात भयावह हैं. इजराइल ने 22 हजार ट्रकों में लदे राहत सामग्रियों को रोक दिया है.
इजराइली जुल्म के खिलाफ अब पूरी दुनिया में विरोध शुरू हो गया है. इसी क्रम में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में बीते इतवार (3 जुलाई) को तेज बारिश के बावजूद हजारों लोगों ने फिलिस्तीन के समर्थन में सड़कों पर उतरकर विशाल प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को 'इंसानियत के लिए मार्च' नाम दिया गया था. इसका आयोजन सिडनी के मशहूर हार्बर ब्रिज पर किया गया. इस विरोध प्रदर्शन में 90 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए, जो उम्मदी से कहीं ज्यादा था.
विरोध में शामिल कई लोग फिलिस्तीनी झंडे लेकर आए थे और 'हम सब फिलिस्तीनी हैं' जैसे नारे लगा रहे थे. प्रदर्शन में शामिल लोगों में बुजुर्ग, औरतें, बच्चे और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे. कुछ प्रदर्शनकारी बर्तन और पतीले लेकर पहुंचे ताकि वे गज़ा में भूखे लोगों के प्रति एकजुटता दिखा सकें. विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज भी इस प्रदर्शन में नजर आए. प्रदर्शन में शामिल बुजुर्ग ने कहा,"बस बहुत हो गया. जब दुनिया के लोग एकजुट होकर आवाज उठाते हैं तो बुराई हार जाती है."
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य सरकार और न्यू साउथ वेल्स पुलिस की उम्मीद से ज्यादा भीड़ प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पहुंची. इस प्रदर्शन को रोकने के लिए स्थानी प्रशासन ने व्यवस्थान की थी. साथ इससे ट्रैफिक और सिक्योरिटी को लेकर चिंता जताया था. एक तरफ ऑस्ट्रेलिया की अवाम फिलिस्तीन की हमदर्द बनकर उभरी तो दूसरी तरफ दुनिया के 56 मुस्लिम देशों में खामोशी छाई हुई है. हालांकि, इस दौरान महज कुछ एक जगहों पर प्रदर्शन हुआ, लेकिन वैश्विक समुदाय तक गजा की आवाजा पहुंचाने के लिए यह नाकाफा था.
हालांकि, ऑस्ट्रेलियन सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को इस मार्च की इजाजत दे दी. इसके बाद हजारों लोगों ने सिडनी हार्बर ब्रिज पर ऐतिहासिक मार्च किया. न्यू साउथ वेल्स पुलिस के असिस्टेंट कमांडर एडम जॉनसन ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हजारों की संख्या पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. जिससे मार्च को शांतिपूर्वक संपन्न कराया जा सका.
ग्रीन्स पार्टी की सासंद मेहरीन फारूकी ने मार्च को 'ऐतिहासिक' बताया. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया को फिलिस्तीन के पक्ष में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने इजराइल पर गज़ा में नरसंहार करने का आरोप लगाया और न्यू साउथ वेल्स के मुख्यमंत्री क्रिस मिंस की आलोचना की, जिन्होंने इस मार्च का विरोध किया था.
वहीं, ऑस्ट्रेलियाई सांसद एड हुसैन ने प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज से मांग की कि वे फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दें. हालांकि, एल्बनीज सरकार ने अभी तक फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता देने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है. उन्होंने 'टू नेशन थ्योरी' के सिद्धांत का समर्थन जरुर किया है और गज़ा में फिलिस्तीनियों के कत्ल व मानवीय सहायता रोके जाने की आलोचना की है.