Gaza: गाजा में जैसे हालात बने हुए हैं, वैसे ही हालात सूडान में हो गए हैं. मुल्क दो तरफ से मार खा रहा है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने बीती रोज वॉर्निंग जारी करते हुए कहा है कि जंग की वजह से सूडान में भुखमरी और बीमारियां तेजी से फैल रही हैं. कई इलाकों में अकाल के हालात बने हुए हैं. 2.5 करोड़ लोग गंभीर खाद्य संकट से जूझ रहे हैं और पिछले साल जुलाई से अब तक करीब 1 लाख हैजा के मामले दर्ज किए गए हैं.
सूडान में सेना और प्रतिद्वंदी रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच जारी संघर्ष लगातार जारी है. जिसकी वजह से लाखों लोगों को विस्थापित कर दिया है. देश कई हिस्सों में बंट चुका है. पश्चिमी सूडान में आरएसएफ ने गहरा कब्जा कर लिया है. फंड में कटौती की वजह से मानवीय मदद की कोशिश भी बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं.
डब्ल्यूएचओ की सीनियर इमरजेंसी ऑफिसर इल्हाम नूर ने बयान में कहा,"लगातार हिंसा ने सूडान की स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह चरमरा दिया है, जिससे भूख, बीमारी और निराशा से भरा एक गंभीर संकट पैदा हो गया है." कई तस्वीरें ऐसी सामने आ रही हैं, जिनमें लोगों की भूख की वजह से हड्डियां तक दिख रही हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक कई लोगों की भूख की वजह से मौत भी हुई है.
सूडान में वर्तमान में युद्ध सूडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेस के बीच चल रहा है. सेना का नेतृत्व जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान कर रहे हैं, जबकि आरएसएफ के मुखिया मोहम्मद हमदान दगालो, जिन्हें हैमेटी के नाम से जाना जाता है.
यह संघर्ष अप्रैल 2023 में तेज हुआ, दोनों पक्षों के बीच पहले सत्ता साझा करने का समझौता हुआ था, जिसका मकसद सूडान को सैन्य शासन से निकालकर लोकतांत्रिक शासन की ओर ले जाना था. लेकिन शक्ति और नियंत्रण की होड़ के कारण यह समझौता टूट गया.