Sudan News: गृहयुद्ध की वजह से सूडान में बद से बदतर हालात होते जा रहे हैं. यहां के लोग दाने-दाने को तरस रहे हैं. लोगों को खाने के लिए खाना और पीने के लिए पानी तक नहीं मिल रहा है. सूडान में लोग सिर्फ़ ज़िंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीच संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी ‘यूनिसेफ’ ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. यूनिसेफ ने आज यानी 4 मार्च को बताया कि संघर्ष-ग्रस्त सूडान में 2024 की शुरुआत से एक साल की उम्र तक के बच्चे बलात्कार का शिकार हुए हैं.
221 बच्चों के साथ किया गया है रेप
‘यूनिसेफ’ के मुताबिक, यौन हिंसा का इस्तेमाल युद्ध की रणनीति के रूप में किया जा रहा है. ‘यूनिसेफ’ ने बताया कि उत्तर अफ्रीकी देश में लिंग आधारित हिंसा के विषय में काम करने वाली संस्थाओं द्वारा संकलित रिकॉर्ड के मुताबिक, सशस्त्र बलों ने लड़कों सहित 221 बच्चों से बलात्कार किया.
अब तक कितने लोगों की हो चुकी है मौत
सूडान में युद्ध की शुरुआत अप्रैल 2023 में सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी अर्द्धसैनिक ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ के बीच खार्तूम में लड़ाई से हुई जो देश भर में फैल गई. तब से कम से कम 20,000 लोग मारे गए हैं, हालांकि यह संख्या कहीं ज्यादा होने की आशंका है. युद्ध की वजह से 1.4 करोड़ से ज्यादा लोग अपने अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हुए और देश के कुछ हिस्से भूखमरी की कगार पर हैं.
लड़कों के साथ भी हो रहे हैं रेप
यूनिसेफ का कहना है कि यौन हिंसा और जबरन बाल विवाह सहित अत्याचार दोनों पक्षों द्वारा किए गए हैं. ‘यूनिसेफ’ ने पिछले महीने बताया था कि युद्ध शुरू होने के बाद से अनुमानित 61,800 बच्चे आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं. बच्चों के साथ बलात्कार के मामलों में 30 फीसद से ज्यादा पीड़ित लड़के थे. पीड़ितों में पांच वर्ष से कम उम्र के 16 बच्चे और चार शिशु शामिल हैं. ये मामले गदारेफ, कसाला, गेजेरा, खार्तूम, रिवर नाइल, नॉर्दर्न स्टेट, साउथ कोर्दोफन, नॉर्थ दारफुर और वेस्ट दारफुर राज्यों में दर्ज किए गए.
यूनिसेफ ने किया चौंकाने वाला खुलासा
‘यूनिसेफ’ की प्रवक्ता टेस इनग्राम ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया कि बलात्कार के शिकार हुए 221 बच्चों में से 73 मामले संघर्ष से संबंधित थे और 71 इससे संबंधित नहीं थे जबकि अन्य अज्ञात थे. यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने रिपोर्ट में कहा कि बलात्कार सहित यौन हिंसा का इस्तेमाल ‘‘युद्ध की रणनीति के रूप में किया जा रहा है’’ जो अंतरराष्ट्रीय कानून और बच्चों की सुरक्षा से जुड़े कानूनों का उल्लंघन है.
बंदूक के नोक पर सैनिक कर रहे हैं महिलाओं और लड़कियों के साथ रेप
महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा का दस्तावेजीकरण करने वाला गैर-लाभकारी संगठन ‘एसआईएचए नेटवर्क’ ने पिछले महीने कहा था कि युद्ध शुरू होने के बाद से संघर्ष से संबंधित यौन हिंसा के लगभग 23 फीसद मामले लड़कियों से जुड़े थे. दक्षिण कोर्दोफन में बंदूक के बल पर एक लड़के से बलात्कार किया गया और छह साल के बच्चे सहित कई बच्चों के साथ भी रेप किया गया.