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Uttarakhand: नहीं दफ्न होने देंगे मुर्दा! कब्रिस्तान पर विवाद, BJP कार्यकर्ताओं का हंगामा

Uttarakhand: नैनिताल के रामनगर के गौजानी  इलाके में मुर्दे को दफनाने को लेकर भारी विवाद हुआ है. यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जिस जमीन पर मुर्दे को दफनाया जा रहा था उसको लेकर मुहायदा हुआ है कि यहां किसी को सुपुर्द-ए-खाक नहीं किया जाएगा.

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Uttarakhand: नहीं दफ्न होने देंगे मुर्दा! कब्रिस्तान पर विवाद, BJP कार्यकर्ताओं का हंगामा
Sami Siddiqui |Updated: May 31, 2025, 12:46 PM IST
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Uttarakhand: नैनिताल के रामनगर में मौजूद गौजानी इलाके में गुरुवार को एक लाश दफनाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद खड़ा हो गया, जो करीब 5 घंटे तक चला. यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब 73 साल के रियासत हुसैन की मौत के बाद उनके परिजन उन्हें स्थानीय कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक करना चाहते थे.

कब्र की खुदाई पर हुआ विवाद

गुरुवार सुबह करीब 9 बजे जैसे ही परिजन और स्थानीय लोगों ने कब्र खोदने का काम शुरू किया, तभी भाजपा कार्यकर्ता और पूर्व नगर अध्यक्ष मदन जोशी मौके पर पहुंच गए और विरोध जताया. उन्होंने दावा किया कि जहां खुदाई हो रही है, वह जमीन कब्रिस्तान की नहीं है. उनका कहना है कि इस जगह से करीब200 मीटर दूर स्थित कब्रिस्तान है.

हालात उस वक्त ज्यादा संजीदा हो गए जब एक शख्स जमीन पर लेट गया, जिसके जवाब में बीजेपी नेता भी वहीं डेरा डाल कर बैठ गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाल अरुण कुमार सैनी, एसडीएम प्रमोद कुमार और सीओ सुमित पांडे मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों से बात की. प्रशासन ने लाश को तय स्थान से अलग जगह दफनाने का सुझाव दिया, लेकिन दूसरे समुदाय के लोगों ने कब्रिस्तान पर अपनी ऑनरशिप और दस्तावेजों का हवाला देते हुए विरोध जताया.

बारिश की वजह से हुआ मामला ठंडा

दोपहर करीब 2 बजे अचानक हुई बारिश से मौके पर जमा भीड़ तितर-बितर हो गई. बारिश थमने के बाद शाम 4 बजे दूसरे पक्ष ने प्रशासन के सुझाव को मानते हुए विवादित स्थान से अलग जगह लाश को दफना दिया. इसके बाद हालात नॉर्मल हो पाए.

बीजेपी नेता ने लगाया गंभीर आरोप

भाजपा नेता मदन जोशी ने कहा कि लाश अगर वहां दफ्न हो जाती तो माहौल खराब हो सकता था. उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड की कमेटी के कुछ लोगों ने मृतक के परिजनों पर दबाव बनाकर विवादित भूमि पर लाश दफनाने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि 1993 में दोनों समुदायों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत दूसरे समुदाय को 200 मीटर दूर स्थान पर ही लाशों को दफनाने की इजाजत थी.

जगह को नहीं बनने देंगे कब्रिस्तान

उन्होंने कहा कि परिजन भी विवाद नहीं चाहते थे, लेकिन बाहरी दबाव में आकर कब्र खोदने की कोशिश की गई. मदन जोशी ने कहा कि यह मामला अब प्रशासन और मुख्यमंत्री के संज्ञान में है. उन्होंने जमीन के सीमांकन और जांच की मांग करते हुए पत्र भेजा है. जब तक जांच पूरी नहीं होती, वे उस स्थान को कब्रिस्तान नहीं बनने देंगे.

हालात की संजीदगी को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल और एसएसबी की तैनाती की गई है. कोतवाल अरुण कुमार सैनी के मुताबिक, दो प्लाटून पीएसी, एक प्लाटून एसएसबी, और आसपास के थानों की फोर्स लगातार क्षेत्र की निगरानी कर रही है.

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