America Bunker Buster Bomb: ईरान और इजराइल की जंग के बीच में अगर किसी हथियार का जिक्र हो रहा है तो वह बंकर बस्टर बम है. ईरान के गहराई में छिपे परमाणु ठिकानों को तबाह करने के लिए अगर कोई पारंपरिक (नॉन-न्यूक्लियर) हथियार सबसे ज्यादा प्रभावी है, तो वह है अमेरिका का GBU-57 बंकर-बस्टर बम है.
यही वजह है कि अगर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इज़रायल का मिलिट्री से समर्थन करने का फैसला करते हैं, तो यह बम उनकी पहली पसंद हो सकता है.
GBU-57, जिसे Massive Ordnance Penetrator (MOP) भी कहा जाता है, एक लगभग 30,000 पाउंड (13,607 किलो) वजनी बम है. यह बम जमीन के 200 फीट (लगभग 61 मीटर) नीचे तक घुसने के बाद फटता है. यह आम बमों की तरह सतह पर नहीं फटता, बल्कि कठोर चट्टानों और कंक्रीट को भेदकर अंदर जाकर विस्फोट करता है.
इज़रायल ने बार-बार कहा है कि वह ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देगा, लेकिन उसके पास GBU-57 जैसे बम नहीं हैं. यही वजह है कि ईरान के Fordo जैसे गहरे अंडरग्राउंड परमाणु ठिकानों को तबाह करना इज़रायल के लिए संभव नहीं है.
Fordo ईरान का एक सेंसिटिव यूरेनियम इनरिचमेंट सेंटर है जो तेहरान से दक्षिण में स्थित है. इसे करीब 300 फीट चट्टानों के नीचे बनाया गया है. यही वजह है कि यह इज़रायली हमलों से अब तक सुरक्षित रहा है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने भी पुष्टि की है कि Fordo को अभी कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.
पूर्व अमेरिकी सेना अधिकारी और रक्षा विश्लेषक मार्क श्वार्ट्ज कहते हैं,"दुनिया में केवल अमेरिका ही ऐसा पारंपरिक (नॉन-न्यूक्लियर) हमला कर सकता है." इसके लिए GBU-57 बम और B-2 स्टील्थ बॉम्बर की जरूरत होती है, जो इसे ले जाने के लिए एकमात्र विमान है.
इन बमों को B-2 स्टील्थ बॉम्बर विमान से गिराया जाता है. मई की शुरुआत में कुछ B-2 बमवर्षक विमानों को हिंद महासागर के डिएगो गार्सिया स्थित अमेरिकी-ब्रिटिश सैन्य अड्डे पर तैनात किया गया था, लेकिन जून के मध्य तक वे वहां से हट चुके थे. ये विमान अमेरिका से उड़कर सीधे मिडिल ईस्ट तक हमला कर सकते हैं।
हर B-2 विमान दो GBU-57 बम ले जा सकता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि Fordo जैसे मजबूत ठिकानों को तबाह करने के लिए एक से ज़्यादा बमों की जरूरत होगी.