Iran के फॉरेन मिनिस्टर अब्बास अराघची ने बुधवार को चीन के तियानजिन शहर में चाइना ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क (CGTN) को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि इस्राइल के जरिए ईरान पर किया गया 12 दिन की जंग एक सीधा और बिना उकसावे वाला सैन्य आक्रमण था. उन्होंने इजराइल को साफ शब्दों में कहा कि सीजफायर का पालन न करना उसके लिए गलत हो सकता है.
अराघची वहां मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में हिस्सा लेने पहुंचे थे. उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ एक संघर्ष नहीं है, यह इस्लामी गणराज्य ईरान के खिलाफ इस्राइल की ओर से किया गया सीधा और बिना किसी उकसावे का आक्रमण है."
उन्होंने बताया कि ईरान के पास आत्मरक्षा के अधिकार को इस्तेमाल में लाने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं था. हमने अपने देश की बहुत साहसिक तरीके से रक्षा की और हमलावरों को जंग रोकने और बिना शर्त सीजफायर की मांग करने पर मजबूर कर दिया, जिसे हमने कबूल कर लिया.
अराघची ने इस्राइल के जरिए ऐलान किए गए सीजफायर को कमजोर बताया और कहा कि ऐसे किसी भी समझौते पर इस्राइल का भरोसा करना मुश्किल है. यह सीजफायर नाजुक है, और इसकी वजह साफ है. इस्राइली शासन का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है, इसलिए उनके किसी भी सीजफायर पर यकीन नहीं किया जा सकता.
उन्होंने आगे कहा कि ईरान पूरी सतर्कता के साथ तैयार है अगर सीजफायर टूटता है, हम फिर से जंग नहीं चाहते. हमने पहले भी युद्ध नहीं चाहा था. लेकिन अगर हमला हुआ, तो हम पूरी तरह तैयार हैं." अराघची ने दोहराया कि ईरान की कोई मंशा जंग जारी रखने की नहीं है, लेकिन अगर आक्रमण फिर से शुरू हुआ, तो देश की सेना पूरी तरह से तैयार है.