Iran News: इजरायल ने 13 जून को ईरान पर हमला किया था. इस हमले में तेहरान के कई सैन्य प्रमुख और कई वैज्ञानिक मारे गए थे. इजरायल के हमले के जवाब में ईरान ने तेल अवीव और हाइफा समेत कई शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे. इस हमले में इजरायल गाजा की तरह खंडहर में तब्दील हो गया था. मिसाइल हमले से ईरान ने इजरायल पर बढ़त हासिल कर ली थी. इसके बाद इजरायल ने ईरान को संदेश दिया कि वह युद्ध विराम के लिए तैयार है. इसके बाद भी ईरान युद्ध विराम के लिए राजी नहीं हुआ और कहा कि युद्ध अभी भी जारी है और आगे भी जारी रहेगा. इस बीच ईरान अफ़गानिस्तान के प्रति आक्रामक हो गया है. आइए जानते हैं कि तेहरान अफ़गानिस्तान के प्रति आक्रामक क्यों हो गया है और वह अफ़गानों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है?
दरअसल, ईरान में लाखों की संख्या में अफ़गान शरणार्थी रह रहे हैं और ईरान उन्हें चुन-चुन कर निकाल रहा है. ये सभी शरणार्थी अफ़गानिस्तान में छिड़े गृहयुद्ध के कारण अपनी जान बचाने के लिए पाकिस्तान और ईरान भाग गए थे. अफगान शरणार्थी कई सालों से दोनों देशों में शरण लिए हुए हैं. अब इन सभी को दोनों देशों से निकाला जा रहा है. साथ ही, हाल के दिनों में ईरान बहुत तेजी से अफगान शरणार्थियों को बाहर निकाल रहा है.
अफगानिस्तानी रिफ्यूजी को क्यों निकाल रहा है ईरान
ईरान ने अफ़गान शरणार्थियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि वे देश में रह रहे हैं और इज़रायली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी कर रहे हैं. ईरान-इज़रायल युद्ध के दौरान तेहरान ने 700 से ज़्यादा अफ़गान शरणार्थियों को गिरफ़्तार किया था, जिन पर मोसाद से जुड़ने और इज़रायल को संवेदनशील जानकारी देने का आरोप है.
जासूसी का है इल्जाम
ईरानी अधिकारियों के मुताबिक, उनमें से कई को कड़ी सज़ा दी गई है और दो को फांसी भी दी गई है. ईरान का कहना है कि वह देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा और जासूसी करने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेगा. यही वजह है कि ईरान ने अफगानिस्तानी रिफ्यूजी को गिरफ्तार कर रहा है और सभी रिफ्यूजी को जबरन ईरान से बाहर निकाल रहा है.