Indian Citizens death sentence in UAE and Saudi Arabia: मरकजी हुकूमत ने गुरुवार को संसद को बताया कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में 25 और सऊदी अरब में 11 हिन्दुस्तानी शहरियों को मौत की सजा सुनाई गई है. हालांकि, फैसले पर अभी अमल नहीं हुआ है. मकामी इंडियन एम्बेसी के पास मौजूद जानकारी का हवाला देते हुए, सरकार ने यह भी बताया कि 2020-2024 के बीच यूएई में किसी भी हिन्दुस्तानी शहरी को फांसी नहीं दी गई है.
विदेशों में मौत के इंतजार में इतने भारतीय नागरिक
विदेश मंत्रालय के जरिये पेश किए गए डाटा के मुताबिक, 2024 में 7 हिन्दुस्तानी शहरियों- कुवैत और सऊदी अरब में 3-3 और जिम्बाब्वे में 1 - को या तो फांसी दी गई या उम्रकैद की सजा दी गई. जिन भारतीय नागरिकों को मौत की सजा दी गयी, लेकिन अभी तक उस फैसले को लागू नहीं किया गया है, उनमें यूएई में 25, सऊदी अरब में 11, मलेशिया में 6, कुवैत में 3 और इंडोनेशिया, कतर, यूएसए और यमन में 1-1 शख्स शामिल हैं.
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में 'विदेशी जेलों में बंद भारतीयों' मौजूं पर एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय के पास मौजूद डाटा के मुताबिक, मौजूदा वक़्त में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की तादाद 10,152 है. मुल्क-वार लिस्ट का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि कई मुल्कों में सख्त गोपनीयता कानूनों की वजह से , मकामी अफसर कैदियों के बारे में जानकारी जल्दी साझा नहीं करते हैं.
मंत्री ने कहा, "सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों सहित विदेशों में भारतीय नागरिकों की हिफाज़त और बहबूद को तरजीह देती है. विदेशों में भारतीय मिशन/केंद्र सतर्क रहते हैं, और मकामी कानूनों की खिलाफ्वार्ज़ी के लिए विदेशों में भारतीय नागरिकों को जेल में डाले जाने की मामलों पर बारीकी से नजर रखते हैं."
कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, "जैसे ही किसी भारतीय नागरिक की हिरासत/गिरफ्तारी की खबर भारतीय मिशन/केंद्र को मिलती है, तो वह फ़ौरन मकामी विदेश कार्यालय और दीगर मुताल्लिका अथॉरिटी से राब्ता करता है, ताकि हिरासत में लिए गए/गिरफ्तार हिन्दुस्तानी शहरी तक कांसुलर पहुंच बनाई जा सके और मामले के तथ्यों का पता लगाया जा सके. उसकी शख्स की राष्ट्रीयता की तस्दीक की जा सके और उसे मदद पहुँचाया जा सके."
सिंह ने अपने जवाब में कहा, "विदेश में भारतीय मिशन उन हिन्दुस्तानी शहरियों को हर मुमकिन मदद फराहम करते हैं, जिन्हें विदेशी अदालतों के जरिये मौत की सजा सुनाई गई है. भारतीय मिशन जेलों का दौरा करके कांसुलर पहुंच भी मुहैय्या करते हैं. अदालतों, जेलों, सरकारी अभियोजकों और दीगर एजेंसियों के साथ उनके मामलों को आगे बढ़ाते हैं. जेल में बंद भारतीय नागरिकों को अपील, दया याचिका आदि दायर करने सहित विभिन्न कानूनी उपायों में भी मदद की जाती है."