Hijab ban: फ्रांस के राष्ट्रपति ने बुधवार यानी कि 21 मई को फ्रांस में मुस्लिम ब्रदरहुड के जरिए 'राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा' पैदा करने के रिपोर्ट पर विचार करने के लिए एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में पूर्व राष्ट्रपति गेब्रियल अटाल के नेत्तत्व में एक सुझाव दिया गया है, जिसके बाद से फ्रांस की राजनीति में हलचल मच गई है.
इमैनुएल मैक्रों की पार्टी फ्रांस में 15 साल से कम उम्र की लड़कियों को हिजाब और बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाना चाहती है, इसको लेकर पार्टी ने बैठक के दौरान सुझाव दिया था. इस सुझाव को सरकार ने मंजूरी दे दी और पार्टी को जल्द से प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए हैं. दराअसल हाल ही में फ्रांस में एक रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसमें मुस्लिम ब्रदरहुड को फ्रांस में 'राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा' बताया गया था, जिसके बाद राष्ट्रपति ने रिपोर्ट की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी. इसी बैठक के दौरान रेनेसां पार्टी के प्रमुख गैब्रियल अटाल ने 'पब्लिक प्लेस पर 15 साल से कम उम्र की लड़कियों को हिजाब और बुर्का पहनने पर बैन लगाने का प्रस्ताव रखा है.'
हिजाब और बुर्का बैन
अताल ने इस प्रस्ताव को सपोर्ट करते हुए कहा है कि कम उम्र की लड़कयों द्वारा पहने वाला यह मुस्लिम हिजाब और बुर्का 'लैगिक समानता और बच्चों की सुरक्षा को कमजोर' करता है. फ्रांसीसी कार्यालय ने मंत्रियों को जून से पहले प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा है, ताकि मैक्रों फ्रांस मुस्लिम ब्रदरहुड की मौजूदगी के संबंध में पेश किए गए रिपोर्ट पर ध्यान दे सकें. रिपोर्ट में कहा गया था कि मुस्लिम ब्रदरहुड फ्रांस में राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा पैदा कर रहा और साथ ही समाज के ताने -बाने को कमजोर कर रहा है.
कई जगहों पर बैन हिजाब
अटाल ने इस प्रस्ताव में एक अपराधिक कानून का भी जिक्र किया , जिसके मुताबिक उन माता-पिता के लिए खिलाफ भी सख्त एक्शन होगा, जो 18 साल से कम उम्र की बच्चियों को बुर्का और हिजाब पहनने पर मजबूर करते हैं. इससे पहले भी 2024 में दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन ने फ्रांस में सभी पब्लिक प्लेस पर सभी महिला द्वारा मुस्लिम हिजाब पहनने पर बैन लगाने का प्रस्ताव रखा था. फिलहाल फ्रांसीसी कानून के मुताबिक स्कूलों, अस्पतालों और सरकारी कार्यालय में किसी भी तरह कि हिजाब और पगड़ी पहनने पर बैन लगा हुआ है.
अटाल के इस नए सुझाव की कई लोगों ने आलोचना की है. सोशलिस्ट पार्टी के सांसद जेरोम गुएदज ने कहा है कि अतल दक्षिणपंथ सोच का पीछा कर रहे हैं, जो फ्रांसीसी धर्मनिरपेक्षता को मुसलमानों के खिलाफ मोड़ रहे है.