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AMU के पीएचडी छात्र यूनिवर्सिटी से हुए नाराज; इस फैसले से आ गए सड़क पर

Aligarh Muslim University News: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने उस सभी पीएचडी स्कॉलरों को छात्रावास खाली करने का आदेश दिया है जो तय वक्त के अंदर अपनी पीएचडी पूरी नहीं कर सके हैं.

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AMU के पीएचडी छात्र यूनिवर्सिटी से हुए नाराज; इस फैसले से आ गए सड़क पर
Siraj Mahi|Updated: Jul 27, 2024, 12:03 PM IST
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Aligarh Muslim University News: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) इंतेजामिया की तरफ से पीएचडी स्टूडेंट्स सहित सभी छात्रावासों को खाली कराने के फैसले के खिलाफ AMU परिसर में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. इनमें वह छात्र शामिल हैं, जिन्होंने अभी तक अपनी डॉक्टरेट की मौखिक परीक्षा नहीं दी है. AMU में पीएचडी स्कॉलर, जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के पदाधिकारी जुबैर रेशी ने कहा, "इस आदेश ने स्कॉलर की पहले से ही परेशान करने वाली स्थिति को और बढ़ा दिया है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण लगभग दो साल का शोध कार्य खो दिया है."

रिसर्चरों पर दबाव
उन्होंने आगे कहा कि दिक्कतों से चिह्नित इन दो सालों ने रिसर्चरों पर काफी मानसिक दबाव डाला है, जो अपने शैक्षणिक स्तर को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. इन दिक्कतों के मद्देनजर, यह अहम है कि प्रशासन जम्मू-कश्मीर के छात्रों, खास तौर से महिला छात्रों के प्रति सहानुभूति दिखाए. 

आवास खाली करने का आदेश
राब्ता करने पर AMU प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने किसी भी तरह की ज्यादती के इल्जामों से इनकार किया. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी ने आज "उन पीएचडी छात्रों के सभी वास्तविक मामलों की समीक्षा करने का फैसला किया है, जो निर्धारित पांच सालों से अपने शोध कार्य को गंभीरता से कर रहे हैं. AMU प्रॉक्टर ने कहा कि और अगर कोई असल वजह है, तो उन्हें तय वक्त तक के लिए आवास दिया जाएगा. हालांकि, उन्होंने कहा, "हम ऐसे सभी शोधकर्ताओं को पूरी तरह से इजाजत नहीं दे सकते, जो पांच साल की निर्धारित अवधि के दौरान अपना शोध पूरा करने में नाकाम रहे हैं." 

दिया जाएगा आवास
उन्होंने कहा कि अगर किसी छात्र को अपनी पीएचडी थीसिस के लिए मौखिक (वाइवा) परीक्षा देनी है, तो उसे भी छात्रावास खाली कर देना चाहिए और जब उसे वाइवा परीक्षा देनी होगी तो उस वक्त आवास दिया जाएगा.

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