Syria America Relation: सीरिया में साल 2024 के दिसंबर में बशर अल असद की सरकार का तख्तापलट हो गया. अब वहां के राष्ट्राध्यक्ष हयात तहरीर अल शाम (HTS) नाम के संगठन के चीफ मोहम्मद जोलानी हैं. सीरिया के सत्ता पर काबिज होने से पहले मोहम्मद जोलानी को अमेरिका आतंकवादी मानता था और 83 कड़ोर का इनाम रखा था.
लेकिन अब मोहम्मद जोलानी अमेरिका का दोस्त बन गया है. अमेरिका भी जोलानी और सीरिया पर लगातार प्यार लूटा रहा है. अमेरिका ने जोलानी को मोस्ट वांटेड टेररिस्ट लिस्ट से बाहर कर दिया है. इसी कड़ी में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर लगे कई दस्क पूराने और बड़े प्रतिबंधों को हटाने का आदेश दे दिया है.
दरअसल, मंगलवार 1 जूलाई को व्हाइट हाउस ने इस बात की जानकारी दी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया पर लगाए गए प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है. व्हाइट हाउस ने इस फैसले को ऐतिहासिक कदम बताया है. व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने सीरिया में स्थिरता और शांति के रास्ते का समर्थन करने के लिए सीरिया पर लगाए गए प्रतिबंध कार्यक्रम को खत्म करने वाले एक ऐतिहासिक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया है.
व्हाइट हाउस ने यह भी जानकारी दी है कि यह आदेश सीरिया पर लगे प्रतिबंधों को हटाता है जबकि सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद पर प्रतिबंधों को बनाए रखता है. यह आदेश कुछ वस्तुओं पर निर्यात नियंत्रण में ढील देने की इजाज़त देता है और सीरिया को कुछ विदेशी सहायता पर प्रतिबंधों को माफ करता है.
सीरिया को दिसंबर 1979 से अमेरिका के जरिये आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित किया गया है. मई 2004 में कार्यकारी आदेश 13338 जारी करने के साथ अतिरिक्त प्रतिबंध और प्रतिबन्ध जोड़े गए, जबकि मई 2011 में, अमेरिकी सरकार ने सीरियाई अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को लक्षित करते हुए अतिरिक्त प्रतिबन्ध लगाए. 13 मई को सऊदी अरब के रियाद में एक निवेश मंच पर टिप्पणी करते हुए ट्रम्प ने घोषणा की कि वह सीरिया पर प्रतिबन्ध हटाने की योजना बना रहे हैं.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को "सीरिया में स्थिरता का समर्थन करने के लिए अमेरिका में प्रतिबंधों में राहत के लिए रास्ते तलाशने" का निर्देश दिया गया है. सीरिया में जोलानी की सरकार को अमेरिका समर्थित सरकार माना जा रहा है. जानकारों का मानना है कि सीरिया में ईरान और रूस समर्थित बशर अल असद की सरकार के खिलाफ अमेरिका ने जोलानी को सपोर्ट किया, जिसके बाद पिछले साल जोलानी के लड़ाकों ने बंदूक के दम पर बशर अल असद सरकार की तख्तापलट कर दिया.