trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02061091
Home >>Zee Salaam ख़बरें

वैश्विक स्तर पर 40 फीसदी नौकरियों को निगल जाएगा AI; जानें, भारत में कितना पड़ेगा असर

आईएमएफ की एक नई रिपोर्ट के  हवाले से ये बात सामने आई है कि विकासशील देशों में अभी एआई का प्रभाव कम पडने वाला है और ग्लोबल लेवल पर लगभग 40 प्रतिशत नौकरियों पर असर पड़ने की संभावना है.

Advertisement
वैश्विक स्तर पर 40 फीसदी नौकरियों को निगल जाएगा AI; जानें, भारत में कितना पड़ेगा असर
Shivani Thakur |Updated: Jan 15, 2024, 03:29 PM IST
Share

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि की आईएमएफ की मुखिया और  मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने स्विट्जरलैंड के दावोस (Switzerland, Davos) में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में जाने से पहले वाशिंगटन में एक इंटरव्यू दिया. जिसमें उन्होंने एआई को लेकर कुछ अहम बातों पर रोशनी डाली.  इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि एआई भारत जैसे विकासशील देशों में  60 फीसदी नौकरियों को प्रभावित करेगा. क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया भर में नौकरी की सुरक्षा के लिए रिस्क पैदा करेगी. एआई के सकारात्मक पहलू  के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोडक्शन लेवल को बढ़ाने और ग्लोबल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक "जबरदस्त अवसर" भी देगी.

 आईएमएफ की नई रिपोर्ट के हवाले से  
आईएमएफ की एक नई रिपोर्ट का हवाला देते हुए क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने  कहा, डेवलपिंग नेशन में एआई का इफेक्ट कम होने की उम्मीद है, "ग्लोबल लेवल पर लगभग 40 फीसदी नौकरियों पर असर पड़ने की संभावना है." उन्होंने आगे कहा कि जितनी अधिक लोगों के पास हाई स्कील नौकरियां होंगी, इफेक्ट उतना ही अधिक होगा."
जॉर्जीवा ने आगे कहा कि या तो इससे लोगों की नौकरी पूरी तरह से ख़त्म हो सकती है  या फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नौकरी के अवसर को बढ़ा सकती है. इसलिए लोग वास्तव में अधिक प्रोडक्टिव होंगे और लोगों की इनकम का लेवल बढ़ सकता है.  जॉर्जीवा ने एएफपी को बताया, "हमें खास तौर पर कम इनकम वाले देशों को तेजी से आगे बढ़ने में मदद करने पर फोकस करना चाहिए ताकि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मिलने वाले अवसरों का फायदा उठा सकें

थोड़ी डरावनी है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होने वाले नुकसान और इससे पैदा होने वाले डर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "हां तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस , थोड़ी डरावनी है  लेकिन इसके साथ साथ ये यह सभी के लिए एक जबरदस्त अवसर भी है."

2024 होगा एक मुश्किल साल
जॉर्जीवा ने इस इंटरव्यू मे कहा कि 2024 दुनिया भर की राजकोषीय नीति के लिए "बहुत मुश्किल साल" हो सकता है , क्योंकि देश कोविड-19 महामारी के दौरान जमा हुए कर्ज के बोझ से निपटने और ख़त्म हुए बफ़र्स का पुनर्निर्माण करना चाहते हैं.

Read More
{}{}