Ayodhya Mosque Construction: एक सीनियर अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन इस साल मई से अयोध्या में मस्जिद का निर्माण शुरू करेगा. इसे पूरा होने में तीन-चार साल लगने की संभावना है. यह जानकारी उस दिन सामने आई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता कर रहे हैं.
मस्जिद परियोजना की देखरेख कर रहे इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) की विकास समिति के प्रमुख हाजी अरफात शेख ने जानकारी दी है कि मस्जिद के लिए पैसा जुटाने के लिए क्राउड-फंडिंग वेबसाइट स्थापित किए जाने की संभावना है.
इस मस्जिद का नाम पैगम्बर मोहम्मद के नाम पर रखा जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद का नाम "Masjid Muhammed bin Abdullah" होगा. शेख ने कहा,"हमारी कोशिश लोगों के बीच दुश्मनी, नफरत को खत्म करना और एक-दूसरे के प्रति प्यार में बदलना है...भले ही आप सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करें या न करें." "अगर हम अपने बच्चों और लोगों को अच्छी बातें सिखाएं तो ये सारी लड़ाई बंद हो जाएगी."
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 में कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस गैरकानूनी था. हालांकि, कोर्ट ने फैसला सुनाया कि बाबरी मस्जिद के नीचे एक गैर-इस्लामिक संरचना थी. फैसला सुनाया कि विवादित भूमि पर एक मंदिर बनाया जाएगा और मस्जिद के निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष को जमीन का एक हिस्सा दिया जाएगा. आईआईसीएफ के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने कहा कि संस्था ने फंड के लिए किसी से संपर्क नहीं किया है.
आईआईसीएफ के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि मस्जिद के निर्माण में देरी हुई है क्योंकि वे डिजाइन में और अधिक पारंपरिक तत्व जोड़ना चाहते थे. परिसर में 500 बेड का अस्पताल भी बनाया जाएगा. अभिषेक समारोह के लिए अभिनेता और क्रिकेटरों समेत सैकड़ों हस्तियां अयोध्या में हैं. मंगलवार को मंदिर आम जनता के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा.