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पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है बलूचिस्तान! बलोचों ने किया बड़ा ऐलान

Pakistan News: मार्च 2025 में बलूचिस्तान के 15 जिलों में जबरन गायब करने और अवैध हिरासत की कई घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें कराची, इस्लामाबाद, जैकोबाबाद और डेरा गाजी खान के कुछ हिस्से भी शामिल हैं. 

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पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है बलूचिस्तान! बलोचों ने किया बड़ा ऐलान
Zee Salaam Web Desk|Updated: May 14, 2025, 11:02 PM IST
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Pakistan News: पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य के कई जिलों में लोगों के लापता होने की घटनाएं जारी हैं. इसी बीच, दुनियाभर के बलूच कार्यकर्ताओं ने फिर से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की गुजारिश की है. उनका कहना है कि पाकिस्तान, बलूचिस्तान प्रांत में अपने दमनकारी रवैए को फौरन समाप्त करे.

बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलोच ने बुधवार दोपहर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "पाकिस्तान-अधिकृत बलूचिस्तान (पीओबी) में बलूच लोग सड़कों पर हैं और यह उनका राष्ट्रीय निर्णय है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है. दुनिया अब मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती."

इस संगठन ने की घटना की निंदा
बलूच नेशनल मूवमेंट मानवाधिकार विभाग (पांक) ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया तंत्र द्वारा लोगों को जबरन गायब करने की नीति की कड़ी निंदा की है. विभाग ने अप्रैल से मई के बीच की घटनाओं पर खुलासा करते हुए बताया कि बलूचिस्तान के विभिन्न जिलों में पांच और लोगों को जबरन गायब किया गया, जो प्रांत के दमन और भय के माहौल को दर्शाता है.

ये लोग हो गए अचानक गायब
पांक के मुताबिक, 14 अप्रैल को तुर्बत शहर के याकूब मोहल्ला क्षेत्र से शाह जान (पेशा: ड्राइवर, निवासी: अबसर बुंडे कालात) को सैन्य खुफिया एजेंटों ने अगवा किया. 24 अप्रैल को अवारान जिले के जिब्बरी माश्कै निवासी अली अहमद को उनके घर से सुरक्षा बलों ने उठा लिया. 7 मई को मस्तुंग के किल्ली छोटू निवासी अहमद खान (ड्राइवर) अपने घर से लापता हो गए. 11 मई को चागी के किल्ली सरदार अली अहमद खान निवासी जाबिद अली (मजदूर) को सुरक्षा बलों ने घर से उठा लिया. 12 मई को केच जिले के दश्त होर शोलिग निवासी ताहिर बलोच को ग्वादर क्षेत्र से उनके वाहन सहित हिरासत में लिया गया.

पांक ने क्या कहा?
पांक ने कहा कि ये घटनाएं बलूचिस्तान में जबरन गायब करने की एक व्यापक और प्रणालीगत नीति को दर्शाती हैं. उसने कहा, "पीड़ितों को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया, वारंट या उचित प्रक्रिया के उठा लिया जाता है और उनके परिवारों को उनके बारे में कोई सूचना नहीं दी जाती है." पांक ने संयुक्त राष्ट्र के "वर्किंग ग्रुप ऑन एनफोर्स्ड या इनवॉलंटरी डिसएपियरेंसेज" और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अपील की है कि वे पाकिस्तान पर दबाव बनाएं ताकि जबरन गायब किए गए सभी लोगों को तुरंत रिहा किया जाए और बलूचिस्तान में दमनकारी नीतियों को समाप्त किया जाए.

अब तक कितने लोग हो चुके हैं गायब
पांक ने कहा, "जबरन गायब करना मानवता के खिलाफ अपराध है और जिम्मेदार लोगों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए." इससे पहले पिछले महीने पांक ने 'बलूचिस्तान मानवाधिकार रिपोर्ट-मार्च 2025' प्रकाशित की थी, जिसमें बलूचिस्तान में हो रहे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों, विशेषकर जबरन गायब करने और फर्जी मुठभेड़ों का जिक्र किया गया था. इस रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 में बलूचिस्तान के 15 जिलों में जबरन गायब करने और अवैध हिरासत की कई घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें कराची, इस्लामाबाद, जैकोबाबाद और डेरा गाजी खान के कुछ हिस्से भी शामिल हैं. क्वेटा और कालात जिलों में सबसे अधिक 37 लोग गायब किए गए. मार्च में जबरन गायब किए गए कुल मामलों की संख्या 181 थी.

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