Bangladesh News: भारत का पड़ोसी मुल्क बंग्लादेश में पिछले साल शेख हसीना सरकार के खिलाफ हिंसा भड़क गई थी. फिलहास शेख हसीना को भारत ने शरण दिया है. लेकिन बंग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ लोगों का गुस्सा खत्म नहीं हुआ है. बंग्लादेश में प्रदर्शन एक बार फिर हिंसक हो गई है. गुस्साए लोगों ने उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान का घर जिसे म्यूजियम में तबदिल कर दिया गया था, उस में जम कर तोड़-फोड़ की थी. साथ ही भीड़ ने उस म्यूजियम को आग के हवाले कर दिया था. इस घटना के बाद भारत के तरफ से दुख जाहिर किया गया था. साथ ही भारत ने कहा कि इस बर्बरता पूर्ण घटना की निंदा होनी चाहिए. भारत के इस बयान पर बंग्लादेश के तरफ से नाराजगी जाहिर की गई है.
भीड़ ने ऐतिहासिक इमारत में लगाई आग
बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास को ध्वस्त किए जाने को देश का अंदरूनी मामला बताते हुए अंतरिम सरकार ने रविवार को कहा कि इस घटना पर भारत का बयान 'अप्रत्याशित और अनुचित' थी. बांग्लादेश में बुधवार रात से हिंसा भड़की हुई है, जिसमें हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका में शेख मुजीबुर रहमान के 32 धानमंडी में मौजूद घर में आग लगा दी. रहमान ने इस घर से ही देश के मुक्ति संग्राम का नेतृत्व किया था, जिसे बाद में एक म्यूजियम के रूप में बदल दिया गया था.
भारत ने दिया बयान
गौरतब है कि इसी ऐतिहासिक घर से रहमान ने 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी का ऐलान किया था. भारत ने ऐतिहासिक घर को बर्बाद किये जाने पर बृहस्पतिवार को दुख जाहिर किया और कहा कि ‘बर्बरता की इस घटना’ की कड़ी निंदा की जानी चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, "यह दुखद है कि शेख मुजीबुर रहमान की ऐतिहासिक घर पांच फरवरी को तोड़ दिया गया. यह आवास कब्जे और जुल्मी ताकतों के खिलाफ बांग्लादेश के लोगों के रेस्सिटेंट की पहचान था. जो लोग बांग्ला पहचान और गौरव को महत्व देते हैं, स्वतंत्रता संग्राम को महत्व देते हैं, वे सभी बांग्लादेश की राष्ट्रीय चेतना के लिए इस घर के महत्व को समझ सकते हैं."
बंग्लादेश ने क्या कहा
सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के मुताबिक, भारत की बयान पर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि धानमंडी 32 की घटना देश के अंदरूनी मामलों से जुड़ी हुई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने कहा, "इस मामले पर छह फरवरी 2025 को जारी भारत के विदेश मंत्रालय का बयान अंतरिम सरकार के ध्यान में आया है. बांग्लादेश के अंदरूनी मामलों पर भारत के विदेश मंत्रालय की बयान अनुचित है." उन्होंने कहा, "बांग्लादेश किसी भी राज्य के अंदरूनी मामलों पर ऑफिसियल रूप से टिप्पणी नहीं करता है और वह दूसरे देशों से भी इसी तरह के व्यवहार की आशा करता है."