Bangladesh News: बांग्लादेश से शेख हसीना सरकार की तख्तापलट होने के बाद से वहां के अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं. इसी कड़ी में मानवाधिकार संगठनों ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर जताई है और हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. इस याचिका में अल्पसंख्यकों को झूठे आपराधिक मामले में फंसाने के इल्जाम लगाए गए हैं.
बांग्लादेश अल्पसंख्यक मानवाधिकार कांग्रेस (HRCBM) ने देशभर में हिंदुओं और दुसरे अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ झूठे आपराधिक मामलों में फंसाने का मुद्दा उठाया है. इस मामले को याचिका के रूप में हाई कोर्ट में पेश किया गया है. इस याचिका (PIL) का मकसद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे कानूनी उत्पीड़न को उजागर करना है.
बांग्लादेश अल्पसंख्यक मानवाधिकार कांग्रेस (HRCBM) ने सोमवार को एक बयान में कहा, "बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष न्यायालय प्रभाग में पेश यह आगामी जनहित याचिका सिर्फ एक कानूनी कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह याचिका बांग्लादेश में इंसाफ की पुकार है. बयान में दावा किया गया है कि बांग्लादेश में 39 लाख से ज्यादा आपराधिक मामले लंबित पड़े हैं और अनियंत्रित शक्तियों ने अभियोजक को ही जुल्म करने वाला बना दिया है."
एचआरसीबीएम ने दावा किया है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बेबुनियाद इल्जाम लगाकर पुलिस और कुछ इलाके के दबंग, अल्पसंख्यकों को मनमाने ढंग से गिरफ्तार कर रहे हैं. मानवाधिकार संगठन HRCBM ने कहा कि यह रणनीति चटगांव और अन्य जगहों पर विशेष रूप से देखी जा रही है.
इसमें आगे कहा गया है, "पीढ़ियों से, बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों को हिंसा, विस्थापन और कानूनी उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है. आज, झूठे आपराधिक मामले इस कड़ी में एक चेप्टर बनकर जुड़ गई है. जनहित याचिका में मांग की गई है कि झूठे आपराधिक मामलों में प्रारंभिक जांच अनिवार्य करने के लिए न्यायिक निर्देशों का आग्रह किया गया है.
इसके साथ ही झूठे मामलों में अल्पसंख्यकों को फंसाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है. झूठे मामलों का आकलन और रिपोर्ट करने के लिए एक न्यायिक जांच या एक आयोग बनाने की अपील की गई है.