Bangladesh News: बांग्लादेश में सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और ISKCON मंदिर के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को लगभग 7 महीने के बाद वहां की अदालत ने जमानत दी है. चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इससे से पहले उन्हें अदालत ने जमानत देने से मना कर दिया था. वहीं, इनकी गिरफ्तारी के खिलाफ भारत में हिंदूवादी संगठनों ने और यहां के धार्मिक गुरूओं ने भारी विरोध प्रदर्शन किया था.
चिन्मय दास के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने उनकी जमानत के बारे में बात करते हुए कहा कि अदालत में चिन्मय दास के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. इसलिए कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. उन्होंने बताया कि अगले एक हफ्ते में वह जेल से बाहर आ सकते हैं.
साथ ही चिन्मय दास के बकील ने यह भी कहा कि सरकार उनकी जमानत को रोकने की कोशिश करेंगे, और इस मामले को सरकार कोर्ट में लेकर भी जा सकती है. बता दें कि ISKCON के पुजारी को बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की मजबूत आवाज माना जाता है.
गौरतलब है कि बांग्लादेश के ढ़ाका एयर पोर्ट से चिन्मय दास को ढाका में हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उन्हें चिटगांव के मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम ने चिन्मय दास को जमानत देने से इंकार कर दिया था, तब से वह जेल में बंद हैं.
भारत सरकार ने चिन्मय दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत न देने पर गहरी चिंता जताई थी, साथ ही विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से अपील करते हुए कहा था कि वहां मौजूद अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाए. साथ ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के धार्मिक काम और सभा करने के अधिकार को सुनिश्चित करने की भी मांग की गई थी.