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शर्मनाक! बिहार में SIR के नाम पर हो रहा है मजाक, सनाउल्लाह के साथ BLO ने कर दिया कांड

Bihar Voter List Scandal: बिहार विधानसभा इलेक्शन से पहले SIR प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं. तेजस्वी यादव और आम नागरिकों के वोटर आईडी में भारी अनियमितताएं देखने को मिली हैं. जानिए पूरी खबर और कैसे चुनाव आयोग पर उठे सवाल.

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शर्मनाक! बिहार में SIR के नाम पर हो रहा है मजाक, सनाउल्लाह के साथ BLO ने कर दिया कांड
Tauseef Alam|Updated: Aug 02, 2025, 07:13 PM IST
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Bihar Voter List Scandal: बात इलेक्शन कमीशन की हो और बवाल न हो, ये तो मुमकीन ही नहीं है. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इलेक्शन SIR (सर्वे ऑफ इनिशियल रजिस्ट्रेशन) कर रहा है. SIR में एक बड़ी अनियमितता सामने आई है. राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने तो यहां तक दावा कर दिया है कि उनका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है. हालांकि, तेजस्वी यादव के इस आरोप का सीधे तौर पर खंडन किया गया है और उनका नाम वोटर लिस्ट में दिखाया गया है, लेकिन तेजस्वी यादव ने अपने EPIC नंबर को लेकर हंगामा मचा दिया है. तेजस्वी यादव चुनाव आयोग द्वारा EPIC नंबर के साथ वोटर लिस्ट में दिखाए गए नाम को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. खैर, इन लोगों के तर्क अपनी जगह पर हैं.

बिहार की एसआईआर प्रक्रिया में अनियमितताएं सामने आई हैं. इसका सबूत मोहम्मद सनाउल्लाह का वोटर आईडी कार्ड है. इसमें सनाउल्लाह के पिता-पति का नाम एक हिंदू व्यक्ति अरविंद कुमार का है. सनाउल्लाह के वोटर आईडी कार्ड का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं, एक सेवानिवृत्त आईएएस ने दावा किया है कि उनका नाम भी वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है, जबकि उन्होंने BLO को सभी दस्तावेज दिए थे. इस वायरल वोटर लिस्ट ने साबित कर दिया है कि बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के नाम पर बहुत बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गई हैं. 

वायरल फोटो से मच गया बवाल
इस वायरल फोटो में साफ लिखा है कि मोहम्मद सनाउल्लाह के पिता-पति के नाम पर हिंदू नाम का पोस्टिंग हो गया है. इससे स्पष्ट होता है कि SIR में डेटा एंट्री और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी हुई है. मीडिया रिपोर्ट में इसी तरह के कई दूसरे मामले भी सामने आए हैं, जिसमें SIR के दौरान नाम कटने और गलत जानकारी और धर्म-पुरुष पहचानों में गलतियां पाई गई हैं. विपक्ष इसे चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की साजिश मान रहे हैं.

इलेक्शन कमीशन ने क्या दी दलील
चुनाव आयोग ने फिलहाल सिर्फ़ यह स्पष्ट किया है कि SIR प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा रहा है. आयोग ने बताया कि शिकायत करने वालों के ईपीआईसी नंबर अपडेट कर दिए गए हैं. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, जल्द ही SIR में हुई सभी अनियमितताओं की समीक्षा की जाएगी.

चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल
वाजेह हो कि SIR प्रक्रिया के दौरान कई गंभीर डेटा त्रुटियां और विसंगतियां सामने आई हैं. चाहे वह तेजस्वी यादव का मामला हो, जहां मतदाता पहचान पत्र संख्या की वैधता विवादित है, या मोहम्मद सनाउल्लाह का मामला, जहां धर्म और पारिवारिक जानकारी गलत पाई गई. यह मामला चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता को चुनौती देता है.

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