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CAA Assam Protest: असम में हुआ हड़ताल का ऐलान, सीएए की जलाई कॉपियां

CAA NEWS: बीते रोज केंद्र सरकार ने सीएए लागू कर दिया है. जिसके बाद असम में हड़ताल करने का ऐलान किया गया है. बीती रोज इस संगठनों ने सीएए की कॉपियां भी जलाई थीं. पूरी खबर पढ़ें

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CAA Assam Protest: असम में हुआ हड़ताल का ऐलान, सीएए की जलाई कॉपियां
Sami Siddiqui |Updated: Mar 12, 2024, 09:43 AM IST
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CAA NEWS: गुवाहाटी पुलिस ने उन संगठनों को कानूनी नोटिस जारी किया है जिन्होंने विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के विरोध में असम में हड़ताल का आह्वान किया है. बता दें, 16-पक्षीय संयुक्त विपक्षी मंच, असम, (यूओएफए) ने चरणबद्ध तरीके से अन्य आंदोलनात्मक कार्यक्रम आयोजित करने के अलावा, मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की थी.  सोमवार को, केंद्र ने सीएए 2019 के कार्यान्वयन की घोषणा की थी. सरकार ने इस कानून को संसद से पारित होने के चार साल बाद लागू किया है.

क्या करता है यह कानून?

इस कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता मिल पाएगी. 2019 में इस कानून का कड़ा विरोध हुआ था. केंद्र के जरिए सीएए लागू करने के ऐलान के बाद, पूरे असम में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है और विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी सरकार की आलोचना की है.

गुवाहाटी पुलिस ने क्या कहा?

आंदोलनकारी दलों को कड़ी चेतावनी देते हुए, गुवाहाटी पुलिस ने कहा, "'सरबतमक हड़ताल' के कारण रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग संपत्तियों सहित सार्वजनिक/निजी संपत्ति को कोई नुकसान या किसी भी नागरिक को चोट लगने पर भारतीय सहित कानून के उचित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी." आपके खिलाफ दंड संहिता और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 के तहत कार्रवाई की जाएगी और सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान की कुल लागत आपसे और आपके संगठन से वसूली जाएगी."

असम में पहले भी हुआ था विरोध प्रदर्शन

असम में दिसंबर 2019 में इस कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन देखा गया था, इस दौरान पुलिस कार्रवाई में पांच लोगों की मौत भी हुई थी. कई ग्रुप्स में यह डर है कि एक बार सीएए लागू होने के बाद, इससे राज्य में अवैध अप्रवासियों की आमद बढ़ जाएगी, खासकर बांग्लादेश से.

सीएएकी कॉपियां जलाईं

एएएसयू और 30 स्वदेशी गैर-राजनीतिक संगठनों ने गुवाहाटी, कामरूप, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में सीएए की कॉपिया जलाईं और विरोध रैलियां आयोजित कीं. एएएसयू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने बताया, "हम किसी भी तरह से सीएए को स्वीकार नहीं करेंगे और असम के लोगों के लिए हानिकारक इस कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण, अहिंसक और लोकतांत्रिक विरोध जारी रहेगा और यह आने वाले दिनों में और तेज होगा."

मंगलवार को निकाली जाएगी रैली

उन्होंने बताया कि मंगलवार शाम को पूरे असम में मशाल रैली होगी और आने वाले दिनों में विरोध के अन्य अलग-अलग तरीके होंगे. भट्टाचार्य ने कहा, हमने सीएए के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए पहले ही आवेदन कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय असम दौरे के दौरान शनिवार को विपक्षी दलों ने कालियाबोर में धरना-प्रदर्शन किया था. सीएए को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित किए जाने के अगले दिन पार्टियां राज्यव्यापी बंद बुलाने और यहां तक कि राज्य सचिवालय का 'घेराव' करने की योजना बना रही हैं

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