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चंद्रशेखर आजाद ने एक बार फिर आजम खान से की मुलाकात, कहा- राजनीतिक अत्याचार....

Chandrashekhar Azad met Azam Khan:  उपचुनाव से ठीक पहले चंद्रशेखर आजाद ने आजम खान से मुलाकात की थी. एक बार फिर सीतापुर जेल में बंद  सपा के कद्दावर नेता आजम खान से मुलाकात की. जहां उन्होंने योगी सरकार को चेतावनी दी है.

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चंद्रशेखर आजाद ने एक बार फिर आजम खान से की मुलाकात, कहा-  राजनीतिक अत्याचार....
Zee Salaam Web Desk|Updated: Nov 21, 2024, 06:06 PM IST
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Chandrashekhar Azad met Azam Khan: आजाद समाज पार्टी-कांशीराम के चीफ और नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने एक बार फिर आज यानी 21 नवंबर को सीतापुर जेल में बंद उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और सपा के कद्दावर नेता आजम खान से मुलाकात की. इस दौरान चंद्रशेखर आजाद योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोला है. 

सासंद ने योगी आदित्यनाथ को चेताया
लोकसभा सांसद ने सपा के कद्दावर नेता के साथ करीब एक घंटे की मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सपा नेता की तबीयत ठीक नहीं है और राज्य सरकार को इस पर गौर करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘बकरी चोरी जैसे छोटे-मोटे अपराध के लिए इतनी बड़ी सजा देना सरकार की दुर्भावना को दर्शाता है.’’ 

आजाद ने कहा, ‘‘अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को इस तरह प्रताड़ित करना ठीक नहीं है क्योंकि इससे आने वाली पीढ़ियां जुड़ी हैं और उन्हें इस तरह के राजनीतिक अत्याचार की कीमत चुकानी पड़ेगी.’’ गौरतलब है कि उपचुनाव से ठीक पहले चंद्रशेखर आजाद ने आजम खान से मुलाकात की थी. जिसके बाद अखिलेश यादव ने आजम खान की बीवी से मुलाकात की थी.

उपचुनाव में धांधली का लगाया आरोप
वहीं,  उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए आजाद ने कहा, ‘‘सरकार ने अपनी प्रशासनिक मशीनरी का ऐसा दुरुपयोग किया जो पहले कभी नहीं देखा गया. यह उपचुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. अगर बीजेपी उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई तो उन्हें दिल्ली (भाजपा शीर्ष नेतृत्व) को जवाब देना पड़ेगा.’’ 

योगी के बयान पर क्या बोले आजाद
इलेक्शन कमीशन द्वारा पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किए जाने पर आजाद ने कहा कि उपचुनाव में गलत काम करने के कारण निलंबन किया गया है. मुख्यमंत्री के ‘बँटेंगे तो कटेंगे’ के नारे पर आजाद ने कहा, ‘‘अगर हम इस नारे को दूसरे तरीके से लें तो यह दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए संदेश है कि अगर वे बँटे तो यहां से लेकर दिल्ली तक उनके अधिकारों में कटौती की जाएगी.’’

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