UCC in Gujarat: भाजपा शासित राज्य उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में समान नागरिक संहिता (UCC) लाने की तैयारी की जा रही है. गुजरात सरकार ने यूसीसी पर मसौदा तैयार करने के लिए रिटायर्यड चीफ जस्टिस रंजना देसाई की सदारत में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. UCC समिति की सदर रंजना देसाई ने मंगलवार 4 फरवरी को मीडिया से कहा कि समिति ने यूसीसी पर सूबे के लोगों से राय लेने के लिए एक पोर्टल लॉंच की है. साथ ही उन्होंने कहा कि समिति यूसीसी पर ड्राफ्ट बनाते वक्त महिलाओं, बच्चों के देखभाल और उसे जुड़े मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देगी.
लोगों से मांगा जा रहा है सुझाव
दरअसल, गुजरात सरकार ने यूसीसी पर ड्रफ्ट तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है. यूसीसी समिति ने अपनी पहली बैठक गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में की है. इस बैठक में समिति की सदर रंजना देसाई ने यूसीसी के जुड़े मुद्दों पर जनता, समाजिक संगठन और मजहबी रहनुमाओं से बात की है. साथ ही उन्होंने एक पोर्टल लॉंच करते हुए यूसीसी पर लोगों से सुझाव माँगा है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यूसीसी पर सुझाव आज से लिए जाएंगे. उन्होंने कहा सुझाव देने के लिए 24 मार्च तक पोर्टल खुले रहेंगे.
महिलाओं और बच्चों के अधिकारों पर दिया जाएगा खास ध्यान
गौरतलब है कि यूसीसी पर बनी पांच सदस्यीय समिति को गुजरात में UCC की जरूरतों का आकलन करने और लोगों से राय लेने का जिम्मा सौंपा गया है. पूर्व जज रंजना देसाई ने कहा कि हम UCC पर एक मसौदा लाएंगे और उस पर सार्वजनिक चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि यूसीसी पर दो उप-समितियां बनाई गई हैं - एक सार्वजनिक चर्चा के लिए और दूसरी मसौदा तैयार करने के लिए. समिति की सदर रंजना देसाई ने कहा कि हम महिलाओं के बराबर हुकूक और बच्चों की देखभाल से जुड़े पहलूओं पर ज्यादा ध्यान देंगे.
शादी की रस्मों पर नहीं पड़ेगा असर
पूर्व जज रंजना देसाई ने कहा कि शादी और तलाक के लिए समान कानून होने चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि इस कानून से शादी की किसी भी रस्मों में कोई दख्लअंदाजी नहीं किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि विरासत और लिव-इन रिलेशनशिप के कानून का मसौदा जल्द ही तैयार किया जाएगा. यूसीसी समिति की सदर रंजना देसाई ने कहा कि वह जल्द ही यूसीसी पर लोगों से चर्चा कर के ड्राफ्ट तैयार कर लेंगी. उन्होंने कहा कि लोगों की आपत्तियों और अलग-अलग राय पर विस्तार से चर्चा किया जाएगा, और हर एंगल पर सोच-विचार करने के बाद ही मसौदा तैयार की जाएगी.