Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मंदिरों के प्रबंधन में, और मंदिर के आस-पास मुसलमानों के काम करने के खिलाफ एक बड़ा बयान दे दिया है. इस बयान के बाद चंद्रबाबू नाइयडू के कथित सेक्युलरिज्म वाली छवि पर सवालिया निशान उठने लगे हैं. उन्होंने शुक्रवार 21 मार्च को दिए एक बयान में कहा है कि तिरुमाला मंदिर में सिर्फ हिंदुओं को ही काम पर रखना चाहिए, और मौजूदा वक्त में कोई मुसलमान काम कर रहा है, तो उन्हे, उनके मजहबी अकीदत का सम्मान करते हुए वहां से हटा देना चाहिए. साथ ही मंदिर से सटे मुमताज़ होटल की परियोजना को हिंदुओं के लिए अपमानजनक बताते हुए रद्द करने की बात कही है, और उस जमीन को मंदिर को देने का वादा किया है.
दरअसल, CM चंद्रबाबू नायडू के शुक्रवार को दिए इस बयान के बाद उनके कथित सेक्युलर छवि पर सवाल उठ रहा है कि एक तरफ वो वक्फ बोर्ड में हिंदुओं की एंट्री को सही ठहराते हैं, और वक्फ बिल का समर्थन करते हैं. वहीं, दूसरी और तिरुमाला मंदिर में मुसलमानों के काम करने पर रोक लगाने की बात कर रहे हैं.
साथ ही उन्होंने भारत के सभी राज्यों की राजधानियों में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर बनाने की योजना की भी घोषणा की है. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भगवान वेंकटेश्वर की संपत्ति की दुनिया भर में रक्षा के लिए एक पवित्र धागा पहनाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि कई हिंदू अकीदतमंद चाहते हैं कि भगवान वेंकटेश्वर की मंदिर विदेशों में भी बनाए जाएं. नायडू ने सेवन हिल्स क्षेत्र के पास कारोबारी गतिविधियों के बारे में कहा कि क्षेत्र से सटे मुमताज होटल के लिए पहले ही इजाज़त दी जा चुकी है. हालांकि सरकार ने अब 35.32 एकड़ जमीन पर बनने वाले होटल के लिए मंजूरी रद्द करने का फैसला किया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि सेवन हिल्स के पास कोई व्यापारिकरण नहीं होना चाहिए. साथ ही उन्होंने जबकि होटल के इंतजामिया ने सिर्फ शाकाहारी खाना परोसने का प्रस्ताव दिया था.
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश की पिछली सरकार ने मुमताज़ होटल के लिए जमीन को मंजूरी दी थी. लेकिन मौजूदा चंद्रबाबू नायडू की सदारत वाली सरकार ने यह क्लियर कर दिया है कि इस क्षेत्र में किसी भी निजी व्यक्ति को बिजनेस करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी. इसी के साथ मौजूदा सरकार ने मुमताज होटल को प्रस्तावित जमीन को रद्द करने, और उस जमीन को मंदिर को देने की बात भी कह दी है.