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Congress Sue BJP: जेपी नड्डा समेत तीन बीजेपी लीडर्स के खिलाफ FIR, वीडियो क्लिप की थी शेयर

Congress Sue BJP: कांग्रेस ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तीन नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. ये मामला एक वीडियो से जुड़ा है, जो कर्नाटक बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था.

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Congress Sue BJP: जेपी नड्डा समेत तीन बीजेपी लीडर्स के खिलाफ FIR, वीडियो क्लिप की थी शेयर
Sami Siddiqui |Updated: May 06, 2024, 02:19 PM IST
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Congress Sue BJP: कांग्रेस ने रविवार को बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. यह मामला कर्नाटक यूनिट के जरिए एक्स पर पोस्ट की गई एक एनिमेटेड क्लिप से जुड़ा हुआ है. कांग्रेस ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी संपर्क किया है. इस वीडियो में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की अनदेखी करते हुए मुसलमानों को पैसा बांटते हुए दिखाया गया है.

बीजेपी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया वीडियो

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए 17 सेकेंट के वीडियो में दिखाया गया है कि राहुल गांधी एससी एसटी और ओबीसी के बीच मुस्लिम को ले आते हैं और उन्हें फंड देते हैं. जिसके बाद मुस्लिम एससीएसटी और ओबीसी को बाहर निकाल फेंकते हैं. इस वीडियो पर काफी विवाद हो रहा है.

कांग्रेस नेता रमेश बाबू ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 505 (2) (सार्वजनिक उत्पात फैलाने वाला बयान) के तहत नड्डा, भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय और पार्टी की कर्नाटक यूनिट के प्रमुख बीवाई विजयेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि बेंगलुरु के हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) लगाई गई है. 

उधर कर्नाटक चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर दी गई अपनी शिकायक में कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी का इरादा क्लिप के जरिए समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना था. खत में कहा गया है,"यह साफ है कि उनके जरिए वीडियो सोशल मीडिया पोस्ट एससी/एसटी समुदाय के सदस्यों को कांग्रेस पार्टी को वोट न देने के लिए डराने-धमकाने के लिए है, यह कहकर कि उनके लिए आरक्षित धन मुस्लिमों द्वारा हड़प लिया जाएगा."

इसके साथ कहा गया है कि आरोपी व्यक्ति का कृत्य जानबूझकर दंगा भड़काना और विभिन्न धर्मों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना है और एससी/एसटी समुदाय के सदस्यों को विशेष उम्मीदवार को वोट न देने के लिए डराने-धमकाने और एससी/एसटी समुदाय के सदस्यों के खिलाफ दुश्मनी पैदा करने के अलावा सद्भाव बनाए रखने के लिए हानिकारक है.

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