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दिल्ली LG वीके सक्सेना ने CM केजरीवाल को लिखा लेटर, 'बजट रोकने' को लेकर पूछे सवाल

Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम केजरीवाल पर बजट रोकने का आरोप लगाया है. राष्ट्रपति ने 19 फरवरी को ही बजट को मंजूरी दे दी है.  

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दिल्ली LG वीके सक्सेना ने CM केजरीवाल को लिखा लेटर, 'बजट रोकने' को लेकर पूछे सवाल
Md Amjad Shoab|Updated: Feb 24, 2024, 09:24 PM IST
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Delhi News: दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने शनिवार को सीएम अरविंद केजरीवाल को लेटर लिखा और "बिना किसी साफ वजह के बजट को रोकने" का इल्जाम लगाया. उन्होंने कहा कि लोगों को यह जानने का हक है कि सार्वजनिक धन कैसे आता है और इसका कहां इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे पहले केंद्र ने 19 फरवरी को बजट की मंजूरी दे दी थी.

राजभवन के सूत्रों के मुताबिक, "एलजी ने दिल्ली के सीएम को बजट पेश करने के लिए कहा था. यह रुका हुआ है - इसमें देरी करने की कोई वजह नहीं है. सीएम केजरीवाल द्वारा प्रस्तावित बजट सेशन 15 फरवरी से 21 फरवरी के लिए था और राष्ट्रपति ने 19 फरवरी को बजट को मंजूरी दे दी. और फिर भी दिल्ली की फाइनांस मिनिस्टर आतिशी झूठ बोल रही हैं कि इसे असेंबली में पेश करने के लिए एलजी के पास भेजा जाना है. दिल्ली के लोगों को यह जानने का हक है कि बजट में क्या है."

आप नेता ने कहा
वहीं, राज्यपाल सक्सेना के लेटर्स पर प्रतिक्रिया देते हुए आप लीडर सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि लेफ्टिनेंट गवर्नर पुलिस और कानून-व्यवस्था जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय चुनी हुई सरकार की आलोचना करते रहते हैं, जिनकी उन्हें देखभाल करनी होती है. उन्होंने कहा, "हर दिन वह कुछ लेटर लिखते हैं. उनका काम पुलिस, कानून और व्यवस्था की देखभाल करना है. हालांकि, वह हमेशा चुनी हुई सरकार (दिल्ली सरकार) के बारे में टिप्पणी करते हैं."

BJP नेता ने क्या कहा?
इस बीच दिल्ली बीजेपी चीफ वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल हमेशा की तरह असेंबली का इस्तेमाल झूठ बोलने के लिए कर रहे हैं. उन्होंने  कहा, "उन्होंने 31 जनवरी को असेंबली सेशन बुलाने की इजाजत मांगी थी. जिसे 2 फरवरी को एलजी ने मंजूरी दे दी थी. नोटिफिकेशन 6 फरवरी को जारी की गई थी. एलजी सक्सेना ने 15 फरवरी को भाषण दिया था. तब उन्होंने कहा कि बजट नहीं था. राष्ट्रपति से स्वीकृत बजट 19 फरवरी से उनके पास है, लेकिन वे इसे पेश नहीं कर रहे हैं. इसकी वजह यह है कि वे खुद को एजेंसियों से बचा रहे हैं."

 

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