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EVM Hacking Row: कौन हैं शिवसेना सांसद रवींद्र वायकर, जिसपर भाजपा-कांग्रेस में मचा है घमासान?

EVM Hacking Row: मिड-डे अखबार की एक रिपोर्ट के बाद देश में नया सियासी घमासान छिड़ गया है. इस रिपोर्ट के बाद  विपक्ष की पार्टियों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल करते हुए कहा था कि "भारत में EVM एक 'ब्लैक बॉक्स'" है.

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EVM Hacking Row: कौन हैं शिवसेना सांसद रवींद्र वायकर, जिसपर भाजपा-कांग्रेस में मचा है घमासान?
Md Amjad Shoab|Updated: Jun 17, 2024, 05:27 PM IST
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EVM Hacking Row: मिड-डे अखबार की एक रिपोर्ट के बाद देश में नया सियासी घमासान छिड़ गया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से शिवसेना उम्मीदवार रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से "कनेक्ट" मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए पाया गया. 

इसके बाद विपक्ष की पार्टियों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल करते हुए कहा था "भारत में EVM एक 'ब्लैक बॉक्स'" है. इस बयान के बाद भाजपा ने इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं पर हमला बोला और मांग की कि भारत के चुनाव आयोग को उन सभी लोगों पर मुकदमा चलाना चाहिए जिन्होंने समाचार रिपोर्ट साझा करके "झूठ को बढ़ावा दिया".

मिड-डे अखबार की खबर को किया खारिज
इस बीच, मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र की रिटर्निंग अफसर वंदना सूर्यवंशी ने मिड-डे अखबार की रिपोर्ट को "झूठी खबर" कहकर खारिज कर दिया और प्रकाशन के खिलाफ मानहानि का नोटिस जारी किया. उन्होंने कहा कि ईवीएम एक स्टैंडअलोन सिस्टम है, प्रोग्राम करने योग्य नहीं है और इसमें कोई वायरलेस संचार क्षमता नहीं है.

कौन हैं रवींद्र वायकर?
रवींद्र दत्तराम वायकर ने 2024 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के कैंडिडेट के रूप में मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और सिर्फ 48 वोटों से सीट जीत हासिल की.
कभी उद्धव ठाकरे के करीबी रहे वायकर ने हाल ही में केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में आने के बाद 10 मार्च को एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल हो गए.

रवींद्र वायकर का सियासय में लंबा अनुभव है, सांसद बनने से पहले वह जोगेश्वरी पूर्व से तीन बार विधायक चुने गए हैं. उन्होंने अपनी सियासी पारी का आगाज बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में एक नगरसेवक के रूप में किया था की और चार कार्यकाल तक इस पद पर बने रहे.इसके अलावा उन्होंने 2006 से 2009 तक बीएमसी स्थायी कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी संभाली है. साथ ही उनके पास भाजपा-शिवसेना और महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) दोनों सरकारों में मंत्री के रूप में काम करने का अनुभव है.

अगर रवींद्र वायकर की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो उनके पास स्नातक की डिग्री है. चुनावी हलफनामे के मुताबिक, रवींद्र वायकर की कुल संपत्ति ₹54.5 करोड़ और देनदारियां ₹4.5 करोड़ हैं.

वायकर पर क्या है आरोप? 
मिड-डे की रिपोर्ट में कहा गया है कि रवींद्र वायकर के बहनोई मंगेश पांडिलकर ने 4 जून को वोटों की गिनती के दौरान ईवीएम को "अनलॉक" करने के लिए एक मोबाइल फोन का उपयोग किया था. इस मामले में वनराई पुलिस ने मंगेश पांडिलकर और एक मतदान अफसर दिनेश गुरव पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया है. हालांकि, इन आरोपों को रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी और मुंबई पुलिस ने खारिज कर दिया है.

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