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किसान नेता को 'भारत रत्न' और मेहनतकश किसानों की राह में रोड़े; क्या मांगे मानेगी सरकार?

Farmer Prtoest: किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग के लिए 13 फरवरी को एक और विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, जो उन शर्तों में से एक है जो साल 2021 में कृषि कानूनों को रद्द कर दिया था.

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किसान नेता को 'भारत रत्न' और मेहनतकश किसानों की राह में रोड़े; क्या मांगे मानेगी सरकार?
Md Amjad Shoab|Updated: Feb 09, 2024, 06:34 PM IST
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Farmer Prtoest: किसानों के एक और आंदोलन की तैयारी को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है. पुलिस दिल्ली-उत्तर प्रदेश और दिल्ली-हरियाणा की सीमाओं को बैरिकेड्स लगाकर मजबूत कर रही है. साथ ही 5,000 से ज्यादा जवानों को तैनात कर रही है. इसकी जानकारी पुलिस के एक सीनियर अफसर ने शुक्रवार को दी.

केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को 'भारत रत्न' देने की घोषणा कर एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश की हैं. लेकिन किसान अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. दूसरी तरफ, सरकार किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों की मदद से दिल्ली-हरियाणा की सीमाओं को बैरिकेड्स कर ही है. चौधरी चरण सिंह को ये आवर्ड देने की मंशा साफ जाहिर होती है कि उन्होंने मौजूदा आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को एक तरह से प्रलोभन दिया है.   
  
ज्ञात हो कि गुरुवार को उत्तर प्रदेश के किसान नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे, क्योंकि पुलिस ने किसानों के विरोध मार्च को दिल्ली घुसने से पहले ही रोक दिया. इस धरना प्रदर्शन की वजह से बड़े पैमाने पर यातायात बाधित हुई थी. इस आंदोलन में ज्यादातर किसान संगठन उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से हैं.

किसानों की ये है मांग
किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग के लिए 13 फरवरी को एक और विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, जो उन शर्तों में से एक है जो साल 2021 में कृषि कानूनों को रद्द कर दिया था. बता दें कि किसानों ने इसके बाद अपना आंदोलन वापस लेने पर सहमत हुए थे.

एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए "न्याय" की भी मांग कर रहे हैं.

एक पुलिस अफसर ने कहा, "हम यह जानने के लिए हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में अपने समकक्षों के साथ संपर्क में हैं कि कितने किसान संगठन विरोध-प्रदर्शन में शामिल होंगे और अपेक्षित लोगों की संख्या क्या होगी? उचित समीक्षा के बाद, हम कानून और व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक योजना तैयार करेंगे."

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