Ajmer News: अजमेर मिनी उर्स की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन के दावों की पोल उस समय खुल गई, जब जायरीन दरगाह क्षेत्र में कचरे के ढेर, गंदगी और दुर्गंध से परेशान नजर आए. मिनी उर्स मोहर्रम को लेकर जिला प्रशासन, दरगाह कमेटी और खुद्दाम ख्वाजा अंजुमन ने कई बार बैठकें की और जल्द व्यवस्थाएं मुकम्मल करने का फैसला भी लिया, लेकिन दरगाह क्षेत्र में मौजूदा हालात बद से बदतर नजर आए. कागजों में अजमेर को भले ही स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त हो, लेकिन शहर के हालात देखें तो यह कचरे और गंदगी का शहर नजर आएगा.
देशभर से अजमेर पहुंचने वाले जायरीन को अपनी अकीदत और एहतराम के साथ सुल्तानुल हिंद के दरबार में जाना होता है, लेकिन उन्हें दरगाह क्षेत्र की तमाम छोटी-बड़ी गलियों, मोहल्लों और बाजारों में बहते गंदे पानी, कीचड़ और दुर्गंध से परेशानी उठानी पड़ती है. अधिकारियों की मानें तो नगर निगम की लापरवाही के कारण दरगाह क्षेत्र के हालात दयनीय हो गए हैं. शहर व दरगाह क्षेत्र में फैली गंदगी से बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है.
हर साल मनाया जाता है मिनी उर्स
अजमेर में हजरत ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह के उर्स मुबारक के बाद मुहर्रम में मिनी उर्स मनाया जाता है. यह मिनी उर्स हजरत बाबा फरीद साहब की चिल्ला मुबारक ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह में मनाया जाता है. चिल्ला शरीफ के दीदार के लिए देशभर से बड़ी संख्या में जायरीन अजमेर आते हैं. यही वजह है कि दरगाह कमेटी व जिला इंतजामिया जायरीनों की खैरियत का ख्याल रखती है. ऐसे में पिछले 15 दिन से जिला इंतजामिया, नगर परिषद व दरगाह से जुड़ी संस्थाओं ने मिनी उर्स की व्यवस्थाओं को लेकर बैठक भी की लेकिन मुहर्रम का चांद नजर आने से पहले मिनी उर्स की व्यवस्थाओं को लेकर लापरवाही साफ नजर आ रही है.
स्थानीय लोगों में है गुस्सा
स्थानीय लोगों और खुद्दाम ख्वाजा का आरोप है कि बरसात के मौसम में दरगाह क्षेत्र में बिजली के खुले तारों में प्रवाहित करंट लोगों की जान के लिए खतरा बना हुआ है. इससे मौत का डर तो बना ही है साथ ही बाजारों में गंदगी और दुर्गंध की भरमार से बीमारियों का भी डर बना हुआ है. क्षेत्र में टूटी सड़कों पर धार्मिक जुलूस कैसे निकलेंगे और बरसात में गंदे पानी और खुले तारों से प्रवाहित करंट से कैसे बचा जाएगा, इन सब बातों को लेकर स्थानीय लोगों में जिला प्रशासन के खिलाफ गुस्सा भी देखा जा रहा है.
चांद दिखने के बाद मनाया जाएगा उर्स
उम्मीद है कि 27 जून को मुहर्रम का चांद दिखेगा और अजमेर दरगाह में हजरत बाबा फरीद गंजशकर मसऊद रहमतुल्लाह अलैह का मिनी उर्स यानी 3 दिवसीय उर्स मनाया जाएगा. ऐसे में अगर जल्द ही साफ-सफाई और मिनी उर्स की व्यवस्था नहीं की गई तो स्थानीय लोग जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी कर सकते हैं.