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GST: 25000 दुकान का किराया, 4500 देनी होगी जीएसटी; कांग्रेस लीडर ने उठाया मुद्दा

GST: किराए की दुकान पर सरकार ने जीएसटी लगाई है. जिसके बाद कांग्रेस लीडर मणिकम टैगोर ने सवाल उठाया है. उनका कहना है कि इससे बिजनेसमैन पर काफी असर पड़ने वाला है.

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GST: 25000 दुकान का किराया, 4500 देनी होगी जीएसटी; कांग्रेस लीडर ने उठाया मुद्दा
Sami Siddiqui |Updated: Dec 04, 2024, 10:38 AM IST
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GST: कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बुधवार को लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार से दुकानों के किराये पर 18 प्रतिशत जीएसटी कर लगाने के अपने फैसले पर दोबारा सोचने की गुजारिश की है.

अपने नोटिस में कांग्रेस लीडर ने क्या कहा?

अपने नोटिस में टैगोर ने केंद्र सरकार के जरिए दुकान किराये पर 18 प्रतिशत जीएसटी कर लगाने के फैसले की निंदा की. उनका कहना है कि इससे छोटे व्यवसाय और उद्यमी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा, "मैं सदन की कार्यवाही स्थगित करने के लिए एक प्रस्ताव लाने की अनुमति मांगने के अपने इरादे की सूचना देता हूं, ताकि तत्काल महत्व के एक निश्चित मामले पर चर्चा की जा सके."

इस फैसले से पड़ेगा ये असर

उन्होंने कहा,"अध्यक्ष महोदय, मैं मोदी सरकार के जरिए दुकानों के किराये पर 18 प्रतिशत जीएसटी कर लगाने के निर्णय की कड़ी निंदा करता हूं, जिससे छोटे व्यवसाय और उद्यमी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इस प्रतिगामी कदम से दुकान मालिकों की लागत बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी और मुद्रास्फीति बढ़ेगी."

25000 किराए पर 4500 जीएसटी

अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) के एक सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 72 प्रतिशत दुकानदारों ने लागत बढ़ने के कारण बिक्री में गिरावट की बात कही है. उन्होंने कहा, "कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के एक सर्वे के अनुसार, 72 प्रतिशत दुकानदारों ने लागत बढ़ने के कारण बिक्री में गिरावट की बात कही है. भारत में एक दुकान का औसत मासिक किराया 25,000 रुपये है और 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ, दुकानदारों को प्रति माह अतिरिक्त 4,500 रुपये का भुगतान करना होगा, जिससे दुकान चलाने की लागत में 18 फीसद का इजाफा होगा.

टैगोर ने सरकार से इस फैसले पर दोबारा सोचने करने और वैकल्पिक उपाय तलाशने की गुजारिश की है. उन्होंने कहा, "हम सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और छोटे व्यवसायों को समर्थन देने तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वैकल्पिक उपाय तलाशने की गुजारिश करते हैं."

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