Delhi Riots 2020: दिल्ली दंगा 2020 के मामले में मुल्जिम गुलफिशा फातिमा की मंगलवार यानी कि 27 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में पेशी हुई है. इस सुनवाई के दौरान फातिमा के वकील ने कोर्ट में पेश किए गए गवाहों पर सवाल किया है. वकील ने दावा किया है कि कोई भी गवाह खुद से आगे नहीं आया है, बल्कि ये वो लोग हैं जिन्होंने मतलबी बयान देकर अपनी आजादी खरीदी है.
दिल्ली हाईकोर्ट की में मंगलवार यानी कि 27 मई को हुई सुनवाई में फातिमा के वकील सुशील बजाज ने कहा, "एक भी गवाह खुद से आगे नहीं आया है. ये वह लोग हैं, जिन्होंने फातिमा के खिलाफ गवाही देकर खुद की आजादी खरीदी है." गुलफिशा फातिमा की जमानत पर जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की बैच सुनवाई कर रही हैं.
कोई सबूत मौजूद नहीं
दिल्ली दंगों की मुल्जिम गुलफिशा फातिमा पर विपक्ष ने इल्जाम लगाया था कि उन्होंने स्थानीय महिलाओं को लाल मिर्च, बोतलें और डंडे इकट्ठा करने के लिए उकसाया था, जबकि फातिमा के पास से ऐसी कोई चीजे बरामद नहीं हुई हैं. सुनवाई में वकील ने बताया है कि ऐसा कोई भी वीडियों और फोटो नहीं मिली है, जिससे पता चले कि बोतले और डंडे जैसी चीजों इस्तेमाल की गई है और इससे किसी को चोट लगी हो.
अगली सुनवाई जुलाई में
आगे सुशील ने बताया है कि इसमें कोई शक नहीं है कि फातिमा 22 फरवरी, 2020 को जाफराबाद में चका जाम में मौजूद थीं, लेकिन यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण हुआ था. सुशील ने कहा, " दंगा कराने की साजिश में फातिमा की कोई हाथ नहीं था." वकील ने कहा है कि फातिमा भूमिका मुल्जिम देवांगना कलिता और नताशा नरवाल से कम थी. लेकिन, वह दोनों जमानत पर बाहर हैं और फातिमा को अभी तक जमानत नहीं मिली. इस आधार पर वकील ने कहा है कि फातिमा भी जमानत की हकदार है. इस मामले की अगली सुनवई जुलाई में होगी.