Haryana Assembly Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के सभी सीटों के नतीजे आ चुके हैं. बीजेपी हरियाणा में इतिहास रचते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाती हुई दिख रही है. 90 विधानसभा सीटों वाली इस चुनाव में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. बीजेपी अकेले दम पर 48 सीटों पर चुनाव जीत गई है. पिछले विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने दुष्यंत चौटाला की पार्टी (JJP) के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई थी. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले दोनों पार्टियों में गठबंधन टूट गया था. हालांकि, बीजेपी ने निर्दलीय विधायकों के दम पर सरकार बचाने में सफल रही थी.
बिना गठबंधन के बीजेपी अपने पिछले नतीजे को बरकरार रखा है. जबकि पिछली सरकार में डिप्टी सीएम रहे दुष्यंत चौटाला की शर्मनाक हार हुई है. कभी राज्य के डिप्टी सीएम रहे दुष्यंत की इस बार की चुनावी रण में दुर्दशा हो गई है. वो उचाना कलां विधानसभा सीट से बुरी तरह से हार गए हैं. दुष्यंत चौटाला इस बार अपनी जमानत तक बचा नहीं पाए. हालांकि, बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र अत्री ने बहुत अंतर से चुनाव जीता है. बीजेपी कैंडिडेट ने कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र को महज 32 वोटों से हराया है.
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दुष्यंत चौटाला को निर्दलीय से भी मिले कम वोट
ऐसा माना जा रहा था कि इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है, लेकिन जनता का मूड कब बदल जाए कोई नहीं बत सकता है. इस सीट पर भी बिल्कुल ऐसा ही हुआ है. दुष्यंत को यहां की जनता ने सीरे से नाकार दिया. नतीजा यह हुआ कि उन्हें दो दो निर्दलयी उम्मदीवारों से भी कम वोट मिले हैं. दुष्यंत को महज 7 हजार 950 मत मिले हैं. दुष्ंयत और उनके कार्यकर्ताओं के लिए सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सीट जीतकर किंग मेकर की भूमिका में रहने वाली पार्टी JJP का इस बार खाता भी नहीं खुला.
उचाना कलां सीट का जनादेश:-
बीजेपी: देवेंद्र चतर भुज अत्री, कुल मत= 48968 (विजय)
कांग्रेस: बृजेंद्र सिंह, कुल मत= 48936
निर्दलीय: वीरेंद्र घोघरियां, कुल मत= 31456
निर्दलीय: विकास, कुल मत= 13458
जेजीपी: दुष्यंत चौटाला, कुल मत= 7950
उचाना कलां सीट से बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र अत्री ने कांग्रेस के जिस कैंडिडेट को हराया है वो बृजेंद्र सिंह हैं. बृजेंद्र हरियाणा के कद्दावर नेता बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं. बृजेंद्र लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा था. उचाना कलां सीट बृजेंद्र सिंह के परिवार की परंपरगात सीच रही है. यहां से उनके पिता बीरेंद्र 5 बार विधायक रहे हैं. उन्होंने साल 1977, 1982, 1991, 1996 और 2005 में इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है.
बागी ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल
इस सीट पर कांग्रेस का खेल निर्दलीय उम्मीदवार वीरेंद्र घोघरियां ने बिगाड़ दिया. वीरेंद्र कांग्रेस के ही बागी हैं, उन्हें कांग्रेस ने हाल ही में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से पार्टी से सस्पेंड कर दिया था. वीरेंद्र घोघरियां को 31 हजार से ज्यादा मत मिले, ये वोट हमेशा कांग्रेस के खाते में आती थी.