Sanjauli Masjid News: हिमांचल प्रदेश के शिमला शहर में मौजूद चर्चित संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने का काम फिर से शुरू हो गया है. यह काम खुद मस्जिद इंतजामिया कर रही है. पिछले 3 दिनों से मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने का काम मुसलसल चल रहा है. इस पर हिंदू संगठन के लोगों का रिएक्शन भी सामने आया है. संगठन के लोगों ने मस्जिद इंतजामिया पर इल्जाम लगाते हुए कहा है कि मस्जिद के गैर- कानूनी हिस्से को तोड़ने के लिए जान-बूझकर रमजान के महीने को चुना गया है, ताकि मुस्लिमों की भावनाएं भड़काई जा सके.
दरअसल, पिछले साल के दिसम्बर में हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए नगर नगम कमिश्नर को निर्देश दिया था कि संजौली मस्जिद की अवैध हिस्से को 2 महीने के अंदर हटाया जाए. इस फैसले के बाद मस्जिद कमेटी के सदर मोहम्मद लतीफ ने नगर पालिका कमिश्नर को ख़त लिख कर अपील की थी कि उन्हें खुद से मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का मौका दिया जाए. कोर्ट ने 2 महीने का वक़्त दिया था, लेकिन पांच महीने बीतने के बाद भी अभी तक मस्जिद के अवैध हिस्से को पूरी तरह नहीं हटाया गया है. हालांकि एक बार फिर संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है.
हिंदूवादी संगठन के लोगों ने क्या कहा
गौरतलब है कि मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का काम काफी धीमा चल रहा था. मस्जिद इंतजामिया के सदर मोहम्मद लतीफ का कहना है कि फंड की कमी की वजह से अवैध निर्माण को तोड़ने का काम स्लो चल रहा था. इस काम को देखते हुए प्रशासन ने मस्जिद के आस-पास वाली रोड पर बैरीकेडिंग कर दी है. हालांकि आवा-गमन में कोई दिक्कत नहीं हो रही है. वहीं, अवैध हिस्से को हटाने की टाइमिंग पर आपत्ति जताते हुए हिंदू परिष्द के सदस्य विजय शर्मा ने कहा कि रमाजान का महीना जान-बूझकर चुना गया है, ताकि मुसलमानों की भावनाएं भड़काई जा सके. उन्होंने कहा कि रमजान का महीना मुस्लिमों से भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है. वहीं, एक नजदीकी निवासी अंशुल भाटिया ने कहा कि संजौली मस्जिद को गिराने का काम काफी धीमा चल रहा है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब तक यह काम पूरा हो जाना चाहिए था.
पिछले साल हुआ था विवाद
गौरतलब है कि पिछले साल के अक्टूबर महीने में संजौली मस्जिद का मामला तूल पकड़ लिया था. यहां मस्जिद के विरोध में हिंदूवादी संगठन के लोगों ने खूब विरोध प्रदर्शन भी किया था. बता दें कि संजौली सिविल सोसाइटी के लोगों ने पिछले साल हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को हटाने के लिए एक याचिका दायर की थी. दायर याचिका में संजौली मस्जिद पर इल्जाम लगाया गया था कि मस्जिद का निर्माण बिना नक्शा पास कराए और ऑथोरिटी से बिना इजाजत लिए किया जा रहा है. हाईकोर्ट ने संजौली मस्जिद के पांच फ्लोर में से 3 फ्लोर को अवैध माना था. साथ ही हाई कोर्ट ने नगर निगम कमिश्नर को निर्देश दिया था कि मस्जिद के पांच फ्लोर में से तीन फ्लोर को 2 महीने के अंदर हटाया जाए.