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सावन में ताजमहल में जलाभिषेक की मांग; अदालत ने उठाया बड़ा कदम

Taj Mahal: हिंदूवादी संगठनों ने ताजमहल को तेजोमहल बताया है. उन्होंने अदालत में एक अर्जी दाखिल करके ताजमहल में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की इजाजत मांगी है. अदालत इस पर सुनवाई करेगी.

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सावन में ताजमहल में जलाभिषेक की मांग; अदालत ने उठाया बड़ा कदम
Siraj Mahi|Updated: Jul 23, 2024, 09:51 PM IST
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Taj Mahal: मेरठ की अदालत में ताजमहल को लेकर एक यादिका दायर की गई है. इस याचिका में मांग की गई है कि सावन के पवित्र महीने में ताजमहल जिसे वे तेजोमहालय बुलाते हैं में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की इजाजत दी जाए. अदालत से ये मांग योगी यूथ ब्रिगेड ने की है. योगी यूथ ब्रिगेड प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर की इस याचिका को अदालत ने स्वीकार कर लिया है. 

कुंवर अजय तोमर ने बताया कि "सावन का महीना करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है. भगवान शिव की आराधना का पर्व है तेजोमहालय भगवान शिव का मंदिर है जिसमें जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक होना चाहिए. ताजमहल तेजो महालय को सन् 1212 में राजा पर्मादिदेव द्वारा बनवाया गया था. उनके बाद राजा मानसिंह ने इसे अपना महल बनाया और मंदिर को सुरक्षित रखा. बाद में मुगलों का शासन आया उस दौरान शाहजहां ने राजा मानसिंह से ताजमहल तेजोमहालय को हड़प लिया." 

कुंवर अजय तोमर का कहना था कि "ताजमहल में शाहजहां और मुमताज की कोई कब्र नहीं है. यह एक सफेद झूठ है. मुमताज का निधन 1631 में हो गया था जबकि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू हुआ था तो किसी भी मृत शव को 1 साल बाद नहीं दफनाया जाता, जबकि असल में मुमताज को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में ताप्ती नदी के किनारे दफनाया गया था." 

कुंवर अजय तोमर ने आगे कहा कि "ताजमहल वर्तमान में एक इमारत है लेकिन वहां मुस्लिम समुदाय की तरफ से नमाज होती है. उर्स का आयोजन होता है. तो फिर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक क्यों नहीं हो सकता है. अदालत से जलाभिषेक की इजाजत की मांग की गई है. अगर इजाजत मिलती है तो योगी यूथ ब्रिगेड के पदाधिकारी ताजमहल में जाकर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक कर भगवान शिव की आराधना करेंगे." 

आपको बता दें कि ताजमहल मुगल के दौर में बनाई गई इमारत है. इसे देखने के लिए लोग देश विदेश से आते हैं. इस इमारत को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बीवी मुम्ताज महल की याद में बनवाया था.

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