Illegal Bangladeshi Immigrants: देश के कई राज्यों में अवैध बांग्लादेशी नागिरकों के खिलाफ जांच अभियान तेज हो गई है. प्रशासन की टीम इन कथित अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी करार्रवाई की जा रही है, ताकि मुल्जिमों को डिटेंशन सेंटर भेजने या उनके देश वापस डिपोर्ट करने की कार्रवाई की जा सके. इसी कड़ी में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और राजस्थान के अजमेर में रविवार (29 जून) अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ जांच अभियान चलाकर 92 मुल्जिमों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
पूर्वी दिल्ली में पुलिस ने इस अभियान के तहत 83 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. ये लोग बिना वैध दस्तावेजों के पूर्वी दिल्ली के मंडावली, मयूर विहार, कल्याणपुरी, गाजीपुर और आनंद विहार जैसे इलाकों में रह रहे थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये लोग बंग्लादेश से नदी के रास्ते गैरकानूनी तरीके से भारत में दाखिल हुए हैं.
स्पेशल टीम ने इनपुट्स का इस्तेमाल करते हुए इन अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को चिन्हित किया और उनके पास से डिजिटल सबूत भी जब्त किए गए हैं. पकड़े गए सभी मुल्जिमों के खिलाफ उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत विदेशियों के पंजीकरण कार्यालय के साथ समन्वय कर के डिटेंशन और निष्कासन की कार्रवाई में लगाया गया है, वहीं नाबालिगों के लिए बाल कल्याण मानकों के अनुसार कदम उठाए जा रहे हैं. इस कार्रवाई को इस कार्रवाई को इंस्पेक्टर जितेंद्र मलिक के अगुवाई में और एसीपी पवन कुमार के मार्गदर्शन में पूरा किया गया है.
वहीं, राजस्थान के अजमेर पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गैरकानूनी तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो पुरुष, दो महिलाएं और पांच बच्चों सहित 9 लोगों को हिरासत में लिया है. दरगाह क्षेत्र, अन्दरकोट, तारागढ़ की पहाड़ी व अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में चलाए गए इस संयुक्त अभियान में करीब 50 संदिग्धों से पूछताछ की गई, जिनमें से 9 ने खुद को बांग्लादेशी नागरिक स्वीकार किया. पूछताछ में सामने आया कि ये लोग बेनापोल बॉर्डर से भारत में दाखिल हुए और मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे थे.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने नवंबर 2024 से अब तक 120 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. वहीं, अजमेर पुलिस ने कुल 52 नागरिकों को अब तक चिन्हित किया है. पुलिस के मुताबिक यह अभियान कानून-व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए निरंतर जारी रहेगा, ताकि शहरी बस्तियों में छुपे ऐसे अवैध विदेशी नागरिकों को पहचान कर निष्कासित किया जा सके.