trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02487580
Home >>Zee Salaam ख़बरें

Bhagalpur: जब काली मंदिर को बचाने के लिए लाठियां लेकर निकला मुस्लिम समाज

Bhagalpur: बिहार के भागलपुर में मुस्लिम समाज काली पूजा में हिस्सा लेते है और विसर्जन तक में मदद करता है. यह सिलसिला सालों से चला रहा है और इसी मुस्लिम समुदाय ने काली मंदिर को हमलावरों से बचाया था.

Advertisement
Bhagalpur: जब काली मंदिर को बचाने के लिए लाठियां लेकर निकला मुस्लिम समाज
Sami Siddiqui |Updated: Oct 25, 2024, 10:39 AM IST
Share

Bhagalpur: कुछ वक्त से देश के माहौल में जो बदलाव देखने को मिला है वह काफी हैरानी भरा है. करवाचौथ पर मुस्लिम औरतों से मेहंदी लगवा ने पर हंगामा, दुकानों पर नामों का लिखवाना ताकि हिंदू आस्था को ठेस न पहुंचे, हिंदू इलाके में मुस्लिम के घर लेने पर विवाद करना, नवरात्र जुलूसों पर पथराव और फिर गरबा में मुसलमानों की एंट्री को बैन कर देना. इस सब के बीच बिहार के भागलपुर के लोग गंगा जमुनी तहजीब को कायम किए हैं. यहां मुस्लिम समुदाय ने काली मंदिर को महफूज रखा हुआ है जिसे 1989 के दंगे के दौरान तोड़ने केी कोशिश की गई ती.

क्या है पूरा मामला?

साल 1989 और महीना अक्टूबर, काली पूजा के दौरान भयानक दंगा भड़क गया. इस दौरान हजारों लोगों की मौत हुई और दंगाई मजहबी ईमारतों और प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचा रहे थे. इस दौरान काली मंदिर पर भी हमला करने की कोशिश की गई. लेकिन, भागलपुर के मोमिन टोला का मुस्लिम समुदाय सामने आया और शरारती तत्वों के सामने हिम्मत से अड़ गया और मंदिर को मजफूज कर लिया गया. उसके बाद से आज तक मुस्लिम समुदाय यहां हिंदू समाज के साथ मिलकर काली पूजा करता आ रहा है.

हाजी इलियास बन गए थे ढाल

हाजी मोहम्मज इलियास, वह शख्स हैं जो 1965 से इस मंदिर की देख रेख करते आ रहे हैं. 1989 दंगे के दौरान जब भीड़ इस मंदिर पर हमला करने आई तो इलियास हिंदू समुदाय के साथ इस मंदिर को बचाने के लिए ढाल की तरह अड़ गए, और मंदिर को महफूज कर लिया गया. तभी से मोहम्मद इलियास काली पूजा और विसर्जन में शरीक होते आए हैं. हालांकि इस साल वह काफी बीमार पड़ गए, जिसकी वजह से उनके बेटे इश्तियाक ने इस काली पूजन में हिस्सा लिया.

मंदिर के लिए कमेटी

हाजी इलियास कहते हैं कि 1989 में दंगा भड़का तो लोग मंदिर को तोड़ने के लिए आए, हमने लाठियां उठा ली और अड़ गए. हमने लोगों से बात की और मंदिर को महफूज किया. इलियास के बेटे इश्तियाक कहते हैं कि मंदिर के आसपास हिंदू आबादी नहीं है. इसलिए हमने एक कमेटी बनाई हुई है जो हर साल पूजा में सहयोग करते हैं.

Read More
{}{}