International Womens Day: तालिबान ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक संदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया कि अफगानिस्तान की महिलाएं अपने हुकूक की हिफाजत के साथ सुरक्षा में रहती हैं. वहीं संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान में महिलाओं की दुर्दशा पर तालिबान सरकार की निंदा की है. तालिबान के इस मैसेज के बाद UN के कई अधिकारियों ने अपना रिएक्शन दिया है.
तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक बयान जारी किया है, हालांकि उस बयान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का जिक्र नहीं किया गया है. लेकिन लोग इसे महिला दिवस से जोड़ कर ही देख रहे हैं. तालिबान के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि महिलाओं की गरिमा, सम्मान और कानूनी हुकूक इस्लामिक अमीरात के लिए प्राथमिकता हैं. उन्होंने कहा कि अफगान महिलाएं शारीरिक और दिमागी दोनों तरह से हिफाजत में रहती हैं. मुजाहिद ने कहा कि इस्लामिक कानून और अफगान समाज की संस्कृति और परंपराओं के मुताबिक अफगान में महिलाओं के बुनियादी हक को सुरक्षित रखा गया है.
यूनाइटेड नेशन ने 8 फरवरी को एक बार फिर तालिबान से अपने उपर लगी बैन को हटाने वाली मांग को दोहराया है. अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन की प्रमुख रोजा ओटुनबायेवा ने कहा कि पब्लिक लाइफ से महिलाओं और लड़कियों को हटाने की घटना को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. UN की एक अधिकारी ने कहा कि UN, अफगानिस्तान की महिलाओं की लीडरशिप और उनकी बेहतरी के लिए हमेंशा निवेश करने को तत्पर है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की महिलाओं की अच्छे भविष्य के लिए हम सभी को एक साथ खड़ा होना होगा.
गौरतलब है कि साल 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता की बागडोड़ अपने हाथों में ले लिया था. उस वक्त से अबतक तालिबान ने महिलाओं पर कई तरीके का प्रतिबंध लगाया है. यहां तक कि अफगानिस्तान की महिलाओं को आठवीं क्लास से ज्यादा पढ़ने की इजाज़त नहीं है. साथ हीं महिलाओं की भागीदारी सार्वजनिक नौकरियों में न के बराबर है.