Iran Israel War: ईरान-इजरायल जंग में अमेरिका की एंट्री से मीडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ गया है. अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर भीषण बमबारी की है, जिसके बाद ईरान ने भी अपनी सेना को खुली छूट दे दी है कि वह अमेरिकी हितधारकों और उनके सैनिकों के खिलाफ एक्शन ले सकते हैं. ईरान के इस फैसले के बाद पूरे मिडिल ईस्ट में जंग फैलने की संभावना है, क्योंकि पूरे मिडिल ईस्ट में अमेरिका और उसके हितधारकों के सैन्य ठिकाने हैं और बड़ी तादाद में उनके नागरिक भी हैं. ईरान के इस फैसले से अमेरिका के साथ ब्रिटेन को भी डर सताने लगा है.
ईरान के सख्त रुख को देखते हुए ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने सोमवार (23 जून) को ब्रिटेन की संसद में कहा कि ब्रिटेन मिडिल ईस्ट में अपने सैनिकों, संपत्तियों और अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स का ए-400 विमान तेल अवीव के बेन गुरियन एयरपोर्ट पहुंचा और वहां से 63 ब्रिटिश नागरिकों की फैमिली को लेकर साइप्रस पहुंचाया गया है, जहां से उन्हें आज शाम ब्रिटेन लाया जाएगा.
गौरतलब है कि अबतक यह जंग इजरायल और ईरान के बीच सीधे तौर पर चल रहा था, लेकिन अमेरिका ने बीते शनिवार और रविवार के दरम्यानी रात को ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकाने फोर्दो, इस्फहान और नतांज पर भीषण हमला किया. इस हमले के बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई करने की पूरी तैयारी कर ली है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ईरान के परमाणु ठिकाने पर अमेरिका के हमले की निंदा की है, और कहा कि ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा.
साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN) में ईरान के स्थायी प्रतिनिधी अमीर सईद इरावानी ने साफ तौर पर कहा कि ईरान अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक अपनी आत्मरक्षा करेगा. इस बात से अमेरिका और ब्रिटेन को यह अंदेशा है कि ईरान मिडिल ईस्ट में उनके सैन्य ठिकानों पर हमला कर सकता है, या अपने प्रॉक्सी ग्रुप को एक्टिवेट करके उनसे हमला करवा सकता है. इसलिए ब्रिटेन ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है.