Iran blocked Strait of Hormuz: ईरान- इजरायल जंग का असर अब दुनिया पर भी हने वाला है. शनिवार 21 जून को इजरयाल के समर्थन में अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर B-2 बमवर्षक विमान से बमबारी किया. इस घटना के बाद पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है. अमेरिका के इस कार्रवाई के बाद ईरान फारस की खारी में होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने की विचार कर रहा है. ईरानी संसद में होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने के मंजुरी दे दी गई है. हालांकि इस फैसले को सुप्रीम लीडर अली खामेनेई की आखिरी मंजुरी नहीं मिली है. ईरान के इस कदम से दुनिया की अर्थव्यवस्था और समुंद्री व्यपार पर सिधा असर पड़ेगा.
भारत पर होगा असर
होर्मुज स्ट्रेट के रास्ते प्रतिदिन दुनिया के 20 परसेंट (18–20 मिलियन बैरल) इंधन तेलों का निर्यात होता है. होर्मुज स्ट्रटे के रास्ते मिडिल ईस्ट के देश इंधन तेल का व्यपार करते हैं, जिनमें प्रमुख्य देख सऊदी, UAE और इराक है. इस फैसले के बाद इन देशों के तेल व्यपार पर गंभीर असर पड़ने वाला है. साथ ही भारत के लिए यह फैसला गंभीर समस्या खड़ा कर सकता है. क्योंकि भारत होर्मुज स्ट्रेट के रास्ते 80 परसेंट इंधन तेल निर्यात करता है.
दुनिया पर होगा असर
होर्मुज स्ट्रेट 33 किमी चौड़ा है, जबकि शिपिंग लेन सिर्फ़ 3 किमी चौड़ी है. यह ओमान और ईरान के बीच स्थित है और उत्तर से दक्षिण में ओमान की खाड़ी और उससे आगे अरब सागर से जोड़ता है. जानकारों का मानना है कि ईरान अमेरिका के ठिकानों पर सिधा हमला न करके होर्मुज स्ट्रेट को बंद करके भी अमेरिका को जवाब दे सकता है. होर्मुज स्ट्रेट दुनिया के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है, दुनिया की 20 परसेंट इंधन तेल की आपूर्ती इसी रास्ते से होती है.
ईरान लेगा बदला
अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी करने के बाद ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'अब डिप्लोमेसी की बात करना बइमानी है, उन्होंने कहा कि यह वक्त जवाब देने का है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ईरान डिप्लोमेसी के रास्ते हमेशा खुला रखेगा.' ईरान के सख्त रुख से दुनिया की टेंशन बढ़ती जा रही है. क्योंकि होर्मुज स्ट्रेट बंद होने से इंधन तेल के किमत बढ़ेगी, और तेल की आपर्ती सही तरीके से नहीं हो पाएगी, जिससे इंडस्ट्री और फैक्ट्रियों पर सीधा असर होगा.
अमेरिका ने चीन से की अपील
इन चिंताओं के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने चीन से बात की है. उन्होंने चीन से गुजारिश की है कि वह ईरान को होर्मुज स्ट्रेट बंद करने से रोके. चीन ईरान का स्ट्रैटेजिक पार्टनर है, और ईरान अपना 90 परसेंट तेल निर्यात चीन को ही करता है.