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Islamic: रजिअल्लाहु अनहु और अलैहिस्सलाम किनके नामों के आगे लगता है; क्या हैं इनके मतलब?

Islamic: इस्लामिक हाबा, पैगंबरों और नबियों के नाम के आगे कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. ये अल्फाज इज्जत देने के लिए किए जाते हैं. आइये जानते हैं कि वह कौनसे शब्द हैं और उनके मतलब क्या है?

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Islamic: रजिअल्लाहु अनहु और अलैहिस्सलाम किनके नामों के आगे लगता है; क्या हैं इनके मतलब?
Sami Siddiqui |Updated: Aug 04, 2025, 02:49 PM IST
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Islamic: इस्लाम में सहाबा, पैगंबरों और नबियों के नाम बड़ी इज्जत से लिए जाते हैं. इनके आगे कुछ खास अल्फाज़ का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे रजिअल्लाहु अनहु, अलैहस्स्लाम और रहमतुल्लाह अलैह. आखिर इन शब्दों का मलतब क्या होता है और ये किसके आगे लगते हैं. तो आइये जानते हैं.

कौन होते हैं सहाबा?

सहाबी उन खुशकिस्मत मुसलमानों को कहते हैं, जिन्हें मोहम्मद (स.अ)  से मुलाकात करने का मौका मिला हो. ऐसे लोग उनके सहयोगी भी हुआ कतरे थे. दीं की तबलीग में उनकी मदद करते थे. सहाबा का एक वचन सहाबी होता है. वहीं स्त्रीलिंह सहाबिय: होता है.

अलैहिस्सलाम का मतलब और इस्तेमाल?

अलैहिस्सलाम का मतलब होता है उन पर सलमाती हो. इसका इस्तेमाल नबियों और फरिश्तों के नामों के आगे लगाया जाता है. इसे इज्जत और प्यार दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जैसे हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम.. हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम.. 

रजिअल्लाहु अनहु

रजिअल्लाहु अनहु का मतलब होता है अल्लाह उनसे राजी हो. इसे सहाबी के नाम के आगे इज्जत के लिए जोड़ा जाता है. मिसाल के तौर पर उमर इब्न खत्ताब रजिअल्लाहु अनहु और अली इब्न अबी तालिब रजि अल्लाहु अनहु. वहीं अगर किसी सहाबिय: के नाम के आगे इसे इस्तेमाल किया जाता है तो ये रजिअल्लाहु अनहुम होगा. शार्ट में रजिअल्लाहु अनहु को नाम के साथ (रजि.) लिखते हैं. अरबी में इसे رضي الله عنه लिखते हैं, जबकि अगर इसे शार्ट फॉर्म में लिखना हो तो (رضي)लिख देते हैं. 

रहमतुल्लाह अलैह

रहमतुल्लाह अलैह का मतलब अल्लाह उन पर रहमत करे होता है. ये किसी भी फौत (मृत) हुए सम्मानित मुस्लिम शख्स के नाम के आगे लिया लिया या लिखा जाता है. रहमतुल्लाह अलैह को शार्ट में  (रह.) भी लिखा जाता है. अक्सर नाम के बाद इसका इस्तेमाल किया जाता है. उर्दू या अरबी में इसे رحمة الله عليه लिखा जाता है. 

सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम

सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का मतलब है अल्लाह उन पर रहमत और सलामती की बारिश करे. ये हजरत मोहम्मद (स.अ) के नाम के आगे लिखा लिया जाता है. ये एक तरह से सबसे छोटी दरूद शरीफ भी है. पैगम्बर का नाम सुनने के बाद उनके लिए दरूद शरीफ पढना वाजिब होता है. इसलिए उनके नाम के साथ सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का इस्तेमाल किया जाता है. लिखने में अक्सर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के शार्ट रूप को हिंदी में (स.) का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि उर्दू  और  अरबी में इसे अलग तारीके से इस तरह ("صَلَّىٰ ٱللَّٰهُ عَلَيْہِ وَآلِہِ وَسَلَّمَ")  लिखा जाता है. इसके संक्षिप्त रूप को उर्दू या अरबी में  (ﷺ ) लिखते हैं. वहीँ अगर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को इंग्लिश में लिखना हो तो (S.A.W.) या  Peace Be Upon Him यानी (PBUH) लिखते हैं.

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