Iran Israel War: ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है. इस बीच खबर थी कि इजरायल के तरफ से ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को मारने का ऑर्डर अपने खुफिया एजेंट्स को दे दिया गया है. लेकिन इस फैसले पर अमेरिका ने रोक लगा दिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इजरायल ने आयतुल्ला अली खामेनेई को मारने के अवसर होने का जानकारी दिया था, लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस फैसले को खारिज कर दिया.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक दो अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि इजरायल ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से ईरान के सुप्रीम लीडर को मारने का जिक्र किया था, लेकिन ट्रम्प ने इस प्लान पर रोक लगा दी. दोनों अधिकारियों ने कहा कि ईरान ने अभीतक किसी अमेरिकी नागिरक को नहीं मारा है, इसलिए वह खामेनई को मारने की बात नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि जबतक अमेरिकी नागिरक को निशाना नहीं बनाया जाएगा, उस वक्त तक वह ईरान के लीडरशिप को टार्गेट नहीं करेंगे.
आयतुल्ला की हत्या हुई तो मचेगी तबाही
एक्सपर्ट का कहना है कि ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई ईरान के सबसे ताकतवर पद पर होने के साथ वह एक धार्मिक पद पर भी हैं. उन्हें दुनिया भर के शिया मुस्लिम अपना ईमाम यानी लीडर मानते हैं. खामेनेई द्वरा दिए गए फतवे को पूरे दुनिया के शिया मुस्लिम मानते हैं. इस लिए अगर इजरायल नादानी में भी आयतुल्ला अली खामेनेई की हत्या कर देता है तो, दुनिया भर के शिया मुस्लिमों की तरफ से सख्त रद्दे अमल देखने को मिलेगा. साथ ही ईरान आयतुल्ला की हत्या को अपने परमाणु प्रणाली पर हमले भी ज्यादा घातक मानेगा. ऐसी सुरत में ईरान- इजरायल के खिलाफ फुल फ्लेज वॉर भी कर सकता है.
बाता दें कि ईरान द्वरा फिलिस्तीन और मस्जिदे अक्सा की आजादी का मुद्दा जोर सोर से उठाया जाता है. आयतुल्ला अली खामेनेई का मानना है कि इजरायल को फिलिस्तीनियों के जमीन पर बनाया गया है. इसलिए यहां इजरायल नाम का देश नहीं होना चाहिए. इन चीजों की वजह से सुन्नी मुस्लिमों में भी ईरान और आयतुल्ला अली खामेनेई की लोकप्रियता बढ़ी है. सुन्नी मुस्लिम भी खामेनेई को इजरायल के खिलाफ एक मजबूत नेता मानते हैं.