trendingNow/zeesalaam/zeesalaam02865085
Home >>Zee Salaam ख़बरें

इलेक्शन कमीशन पर जमात-ए-इस्लामी का वार, SIR को लेकर उठाए सवाल

Jamaat e Islami Hind on SIR: बिहार में वोटर लिस्ट के सर्वे ऑफ इनिशियल रजिस्ट्रेशन (SIR) को लेकर बवाल मचा हुआ है. इस बीच मुस्लिम संगठन भी SIR के विरोध में उतरने लगे हैं. जमात-ए-इस्लामी हिंद  ने चुनाव आयोग पर बड़ा हमला बोला है.

Advertisement
इलेक्शन कमीशन पर जमात-ए-इस्लामी का वार, SIR को लेकर उठाए सवाल
Tauseef Alam|Updated: Aug 02, 2025, 08:35 PM IST
Share

Jamaat e Islami Hind on SIR: बिहार में वोटर लिस्ट के सर्वे ऑफ इनिशियल रजिस्ट्रेशन (SIR) के खिलाफ राजनीतिक दलों के बाद मुस्लिम संगठन विरोध में उतरने लगे हैं. इसी क्रम में जमात-ए-इस्लामी हिंद ने एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं. जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर ने आरोप लगाए कि एसआईआर प्रक्रिया पूरी ईमानदारी के साथ नहीं हो रही है.

सलीम इंजीनियर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि SIR का काम संवैधानिक प्रक्रिया के तहत नहीं हुआ है. चुनाव आयोग की बुनियादी जिम्मेदारी ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को सूची में शामिल करने की होनी चाहिए, लेकिन मतदाताओं को लिस्ट से हटाने की चिंता चुनाव आयोग को ज्यादा नजर आ रही है.

उन्होंने कहा, "अवैध प्रवासियों और मृत वोटर्स की संख्याओं को चुनाव आयोग ने शुरू से बताना शुरू कर दिया था. इससे लगता है कि चुनाव आयोग का लक्ष्य पहले से ही मतदाता सूची से नामों को हटाने का रहा है." सलीम इंजीनियर ने आरोप लगाया कि लिस्ट से नामों को सिलेक्टिव तरीके से हटाया जा रहा है. जो नाम हटाए गए हैं, उसी से साफ जाहिर होता है कि वे किस समुदाय के लोग हैं और कार्रवाई किस नीयत से की जा रही है.

सलीम इंजीनियर ने कहा कि चुनाव आयोग अपने दायरे से बाहर जाकर काम कर रहा है. एक तरीके से एनआरसी लागू करने की कोशिश हो रही है, जिससे लोगों में भय का माहौल है. जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष मलिक मोतसिम खान ने भी एसआईआर मुद्दे पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार को बरकरार रखने के लिए मतदाता सूची के साथ खेला जा रहा है.

मलिक मोतसिम खान ने कहा, "बंगाली भाषा भी बोलना जुर्म हो गया है. पश्चिम बंगाल के लोग दूसरे राज्यों में आते हैं, उन्हें बंगाली भाषा बोलने पर बांग्लादेशी करार दे दिया जाता है. यह एक तरीके से उनके ऊपर जुर्म है. अगर वह दूसरे देश के नागरिक हैं तो उन्हें बॉर्डर पर रोका जाना चाहिए था. यहां लोग 20-25 साल से रह रहे हैं, तो आपको आज अचानक याद आया है कि यह अवैध तरीके से रह रहे हैं. यह बहुत गलत है."

Read More
{}{}