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हलाल सर्टिफिकेशन पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बोला था झूठ; अफवाहों को दी हवा!

Halal Certification: हाला सर्टिफिकेशन का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. इस बीच सरकार के तरफ से कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हलाल सर्टिफिकेट देने वाले बोर्ड पर कई तरह के इल्जाम लगाए थे. जिसके बाद जमीयत उलेमा-ए हिंद ने SC में हलफनामा दायर कर तुषार के दलील पर आपत्ति जताई है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

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हलाल सर्टिफिकेशन पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बोला था झूठ; अफवाहों को दी हवा!
Zee Salaam Web Desk|Updated: Feb 25, 2025, 10:21 PM IST
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Halal Certification: हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर सरकार ने कई तरह के दावे किये थे कि बोर्ड पैसे लेकर सरिया और सीमेंट बनाने वाली कंपनी तक को हलाल सर्टिफिकेट जारी कर रही है, लेकिन जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर सरकार के इन सारे आरोपों को खारिज करते हुए इस बेबुनियाद करार दिया है. 

उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल हलाल सर्टिफिकेशन करने की ऑर्गनॉइड प्रक्रिया को एक स्कैम बताते हए रोक लगा दी थी. सरकार का दावा था कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर कंपनियों से पैसे ऐंठा जा रहा था. साथ ही सरकार के तरफ से कोर्ट में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाले संसथानों पर इल्जाम लगते हुए कहा था कि इस तरह की बोर्ड लोहे के छड़ जैसे चीजों को भी हलाल सर्टिफिकेशन देते हैं. 

हलाल सर्टिफिकेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों सुनवाई की थी, जिसमें सरकार के तरफ से सौसॉलिसिटर जनरल ने हलाल सर्टिफिकेशन देने वाले बोर्ड पर गंभीर इलज़ाम लगाए थे. अब जमीयत उलेमा-ए हिंद ने तुषार मेहता के तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दी गई दलील पर ऐतराज जताते हुए हलफनामा दायर किया है. सरकार के सभी इल्जामों को बेबुनियाद बातया है.

हलाल सर्टिफिकेशन का मजाक बनाया गया 
जमीयत उलेमा-ए हिंद हलाल सर्टिफिकेशन मामले में एक याचिकाकर्ता है. याचिकाकर्ता की हैसियत से जमीयत ने तुषार मेहता की दलील पर ऐतराज़ जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में हल्फनामा दायर किया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट से  जमीयत ने अपील की है कि कोर्ट सौलिसीटर जनरल से भ्रामक बयान देने पर जवाब मांगे. याचिकाकर्ता ने कहा कि हालल सिर्फ मांसहार या शाकाहार का मुद्दा नहीं है, बल्कि दैनिक जीवन में काम में आने वाले बहुत से चीज ऐसी है जिसे कंपनियों के तरफ से इनके निर्माण प्रक्रिया में पशुओं के वसा का इस्तेमाल किया जाता है. याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार की तरफ से तुलसी, लिपस्टिक जैसी चीजों पर हलाल सर्टिफिकेशन का मजाक बनाया गया है, जिससे मीडिया को हलाल के खिलाफ नैरेटिव चलाने का मौका मिल गया.

 
कंपनी खुद अपने प्रोडक्ट्स को हलाल सर्टिफाई कराने के लिए आती है
याचिकाकर्ता ने कहा कि हलाल के खिलाफ मुल्कभर में मीडिया और सरकार के तरफ से चलाई गई भ्रामक जानकारी के बाद हलाल की अवधारणा पर चोट पहुंची है. हलाल वस्तु देश के एक बड़े वर्ग के जीवन के लिए गंभीर मुद्दा है. इसे संविधान अनुच्छेद 25 और 26 के तहत संरक्षित किया गया है. जमीयत ने अपने हलफनामें में सरकार की तरफ से बोर्ड पर लगाए जा रहे सभी इल्जामों का जवाब दिया है. जमीयत ने सरकार के इल्जामों को निराधार बताया है. जमीयत ने पैसे ऐठने वाले इलज़ाम पर कहा कि इसमें बोर्ड का कोई मुनाफा नहीं है. कंपनी खुद अपने प्रोडक्ट्स को हलाल सर्टिफाई कराने के लिए आती है, जिसके बाद बोर्ड जांच कर मोहर लगाने का काम करती है.

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