Japan Earthqauke Update: जापान में भूकंप के बाद से हालात नॉर्मल नहीं हुए हैं. नए साल के दिन आए सिलसिलेवार ताकतवर भूकंपों से मरने वालों की तादाद गुरुवार को बढ़कर 73 हो गई है, जबकि ढही इमारतों के नीचे बचे लोगों की तलाश चौथे दिन भी जारी है. बता दें 7.5 की तीव्रता वाले भूकंप ने इशिकावा के केंद्रीय प्रान्त में नोटो प्रायद्वीप को झटका दिया था, जिससे इमारतें ढह गई थीं और सुनामी का खतरा बढ़ गया था.
सभी मौतें इशिकावा प्रान्त में हुई हैं जहां नोटो प्रायद्वीप सबसे अधिक प्रभावित हैं. स्थानीय सरकार के हवाले से रॉयटर्स ने बताया है कि 33,000 से ज्यादा लोगों ने अपने घर खाली कर दिए हैं और लगभग 1,00,000 घरों में पानी की आपूर्ति नहीं है. 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और उनमें से कम से कम 25 की हालत गंभीर बताई जा रही है. गुरुवार को, हजारों बचावकर्मियों ने ठंडे तापमान और भारी बारिश के बीच मलबे में फंसे कई और लोगों को निकालने के लिए कड़ी मेहनत की.
उधर मौसम विभाग ने चेतावनी दे दी है कि आने वाले दिनों में जापान में जपान में बारिश की वजह से लैंडस्लाइड हो सकती है. भूकंप के तीन दिन बाद भी नुकसान का आंकलन नहीं हो पाया है. एक्सपर्ट का मानना है कि यह भूकंप 2016 के बाद आया सबसे घातक भूकंप था. सड़कों के टूटने की वजह से नेटवर्क बुरी तरह से प्रभावित हुए है, जिसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में समस्या आ रही है.
बुधवार को, जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि सरकार ने सहायता पहुंचाने के लिए एक समुद्री रास्ता खोला है और कुछ बड़े ट्रक अब कुछ अधिक दूरदराज के इलाकों तक पहुंचने में सक्षम हैं. 40 घंटे से ज्यादा वक्त बीत चुका है. एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, किशिदा ने संवाददाताओं से कहा, यह समय के खिलाफ दौड़ है और मुझे लगता है कि हम एक महत्वपूर्ण पल में हैं. "हमें रिपोर्ट मिली है कि कई लोग अभी भी ढही हुई इमारतों के नीचे बचाव का इंतज़ार कर रहे हैं."
बता दें जापान में हर साल सैकड़ों भूकंप आते हैं और अधिकांश भूकंपों से कोई नुकसान नहीं होता. यह द्वीप राष्ट्र 2011 में पूर्वोत्तर जापान में समुद्र के अंदर आए 9.0 तीव्रता के भीषण भूकंप से त्रस्त है, जिसके बाद सुनामी आई और लगभग 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए.