Javed Akhtar Birthday: जावेद अख्तर उर्दू के बेहतरीन शायर हैं. आज वह अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं. जावेद अख्तर को शायरी विरासत में मिली. उनके पिता जां निसार अख्तर शायर थे. जावेद अख्तर गीतकार और फिल्म लेखक हैं. उन्होंने बॉलीवुड को कई बेहतरीन गाने दिए हैं. उनकी गजलों को जगजीत सिंह ने गाया है. जावेद अख्तर की शादी अदाकारा शबाना आजमी से हुई है. उनकी दो औलादें हैं. एक फरहान अख्तर दूसरी जोया अख्तर.
थीं सजी हसरतें दुकानों पर
ज़िंदगी के अजीब मेले थे
कोई शिकवा न ग़म न कोई याद
बैठे बैठे बस आँख भर आई
मैं बचपन में खिलौने तोड़ता था
मिरे अंजाम की वो इब्तिदा थी
हमारे शौक़ की ये इंतिहा थी
क़दम रक्खा कि मंज़िल रास्ता थी
ग़ैरों को कब फ़ुर्सत है दुख देने की
जब होता है कोई हमदम होता है
बहाना ढूँडते रहते हैं कोई रोने का
हमें ये शौक़ है क्या आस्तीं भिगोने का
सब का ख़ुशी से फ़ासला एक क़दम है
हर घर में बस एक ही कमरा कम है
ये ज़िंदगी भी अजब कारोबार है कि मुझे
ख़ुशी है पाने की कोई न रंज खोने का
मैं क़त्ल तो हो गया तुम्हारी गली में लेकिन
मिरे लहू से तुम्हारी दीवार गल रही है
हर तरफ़ शोर उसी नाम का है दुनिया में
कोई उस को जो पुकारे तो पुकारे कैसे
उस दरीचे में भी अब कोई नहीं और हम भी
सर झुकाए हुए चुप-चाप गुज़र जाते हैं
इक मोहब्बत की ये तस्वीर है दो रंगों में
शौक़ सब मेरा है और सारी हया उस की है