Javed Akhtar Birthday Special: जावेद अख्तर उर्दू के बेहतरीन शयर हैं. इसके अलावा वह हिन्दी फिल्मों के गीतकार और पटकथा लेखक हैं. जावेद अख्तर को शायरी विरासत में लिली. उनके वालिद जां निसार अख्तर भी बेहतरीन शायर थे. जावेत अख्तर की गजलों को जगजीत सिंह ने भी गाया है. जावेद अख्तर को लिखने की वजह से कई फिल्मफेयर अवार्ड मिले. उन्हें कई नेश्नल अवार्ड मिले. वह पद्म भूषण से भी नवाजे जा चुके हैं. जावेद अख्तर ने एक्ट्रेस शबाना आजमी से शादी की है. एक्टर फरहान अख्तर उनके बेटे हैं. साल 2020 में जावेद अख्तर को धर्मनिरपेक्षता और फ्री थिंकिंग को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए रिचर्ड डॉकिंस अवार्ड से सम्मानित किया गया.
हम तो बचपन में भी अकेले थे
सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे
इन चराग़ों में तेल ही कम था
क्यूँ गिला फिर हमें हवा से रहे
धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है
न पूरे शहर पर छाए तो कहना
कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है
मगर जो खो गई वो चीज़ क्या थी
तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है
ऊँची इमारतों से मकाँ मेरा घिर गया
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा
वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूँ हारा
याद उसे भी एक अधूरा अफ़्साना तो होगा
कल रस्ते में उस ने हम को पहचाना तो होगा
तुम ये कहते हो कि मैं ग़ैर हूँ फिर भी शायद
निकल आए कोई पहचान ज़रा देख तो लो
डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से
लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा
जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता
मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता
मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है
किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता