Jharkhand News: झारखंड के चाईबासा जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक मस्जिद के इमाम ने फांसी लगाकर खुदकुशी करने की घटना सामने आई है. मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है, जिसमें मौलाना शाहबाज ने सुसाइड की वजह भारी कर्ज को बताया है, साथ ही उन्होंने लिखा है कि आत्म हत्या हराम है, लेकिन सुसाइड के मुताबिक उन्होंने बहुत सोच-समझकर यह कदम उठाया है.
दरअस, झारखंड के चाईबासा जिले शहर के बड़ी बाजार स्थित रजा-ए-मदीना मस्जिद के इमाम मौलाना शाहबाज अंसारी (31 वर्ष) ने बुधवार की सुबह मस्जिद की तीसरी मंजिल पर फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया. मौलाना शाहबाज अंसारी झारखंड के देवघर जिले के मधुपुर के रहने वाले थे और पिछले छह महीनों से चाईबासा की इस मस्जिद में नमाज पढ़ा रहे थे. वे मस्जिद में ही रहते थे जबकि उनकी पत्नी दो बच्चों के साथ जमशेदपुर स्थित मायके में रह रही थी. स्थानीय लोगों के मुताबिक मौलाना शाहबाज कुछ दिनों से बहुत शांत और चिंतित दिखाई दे रहे थे. उन्होंने सुबह की फजिर की नमाज भी पढ़ाना बंद कर दिया था.
बतादें कि बुधवार 18 जून की सुबह मस्जिद के एक सहयोगी (मुजीम) जब तीसरी मंजिल पर मौलाना के कमरे में गए तो उन्होंने उन्हें फांसी के फंदे से लटका हुआ पाया. इसके बाद तुरंत मस्जिद के संस्थापक मोहम्मद अख्तर और स्थानीय लोगों को सूचना दी गई. खबर मिलते ही सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पोस्टमार्टम के बाद लाश परिजनों को सौंप दिया गया, जिसके बाद परिजन शव को लेकर उनके पैतृक गांव मधुपुर (देवघर) रवाना हो गए.
वहीं, मौलाना की पत्नी सूचना मिलते ही सुबह 11 बजे जमशेदपुर से चाईबासा पहुंचीं।. अपने पति का लाश देखकर उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया. सुसाइड नोट में मौलाना ने यह भी लिखा कि उनके दो छोटे-छोटे बच्चे और मां के लिए दुआ की जाए. इस घटना के बाद इलाके में शोक का माहौल है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.