JMI NEWS: जामिया मिल्लिया इस्लामिया हमेशा ही अपने बेहतर अकादमिक प्रदर्शन के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. ऐसी ही एक और मिशाल जामिया की स्टूडेंट ने पेश की है, उन्होंने भारत की सदियों पुरानी इमारत के डिजाइन और नक्काशी पर किए गए रिसर्च के लिए इंटरनेशनल अवॉर्ड जीता है. जामिया को अमेरिका के "उत्कृष्टता के लिए निर्मित पर्यावरण अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार" से नवाजा गया है.
JMI की फैकल्टी टीम और पीएचडी स्टूडेंट की रिसर्च टीम ने मिलकर भारत के पुराने इमारतों और उनकी नकाशी पर रिसर्च किया है, जिसके लिए उन्हें अमेरिका स्थित कॉमन ग्राउंड रिसर्च नेटवर्क्स द्वारा प्रतिष्ठित "निर्मित पर्यावरण इंटरनेशनल अवॉर्ड" से नवाजा गया है. इसकी जानकारी जामिया के ऑफिशियल साइट पर शेयर की गई है.
आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट की प्रोफेसर की देखरेख में रिसर्च
जामिया के अधिकारी ने कहा है कि यह अवॉर्ड एक सलाना वैश्विक सम्मान है, जो निर्मित पर्यावरण के फिल्ड में उमदा रिसर्च प्रकाशनों को मान्यता देता है. अधिकारियों ने बताया है कि आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट की प्रोफेसर निसार खान और प्रोफेसर हिना जिया की देखरेख में पीएचडी स्कॉलर रिपु दमन सिंह ने अमृतसर शहर के मशहूर खालसा कॉलेज के डिजाइन में इस्तेमाल किए गए प्रणाली को डिकोड किया है. उन्होंने अपने इस बयान में बताया है कि रिसर्च के जरिए यह पता चला कि कॉलेज में इस्तेमाल किए गए डिजाइन भारत के पुराने कारपेंटर डिजाइन से लिए गए है.
भारतीय मूल के आर्टिचेक्टर
जामिया के इस रिसर्च में भारत के बढ़ई से आर्किटेक्चर बने भाई राम सिंह के महान नक्काशी के बारे में बताया गया है, जो ब्रिटिश काल में प्रमुखता से उभरे थे. इस रिसर्च में साबित हुआ है कि भाई राम सिंह एक उमदा आर्किटेक्चर थे जो इमारतों के डिजाइन के अलावा, अंदरूनी साज-सज्जा, फर्नीचर, हार्डवेयर और साइनेज में भी बहुत कुशल थे. साथ ही यह भी बताया गया है कि राम सिंह को ब्रिटिश सरकार यूनाइटेड किंगडम में परियाजनाएं डिजाउन करने के लिए बुलाती थी.
पहली बार मिला अवॉर्ड
JMI की साइमा सईद ने बताया है कि 15 साल के इतिहास में पहली बार भारतीय रिसर्चटीम ने इस अवॉर्ड को जीता है. यह अवॉर्ड रिसर्च टीम को भारत की विरासत को उजागर करने और निर्मित वातावरण को आकार देने मे भारतीय ज्ञान प्रणालियों को प्रदर्शित करने के लिए मिला है.