Murshidabad Violence: मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा ने सियासत में हलचल मचा दी है. राजनीतिक पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर पलटवार कर रहे हैं. अब केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बंगाल की मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा है कि मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा नेताओं के बिना सोचे-समझे दिए गए बयानों का नतीजा है.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने ममता बनर्जी पर वक्फ संशोधन कानून पर उनके बयानों के वजह से हिंसा को बढ़ाने का इल्जाम लगाया है. किरेन रिजिजू ने कहा है कि बगांल की मुख्यमंत्री के केंद्र सरकार से मतभेद हो सकते हैं लेकिन वह ये नहीं कह सकती कि हम अपने राज्य में कानून लागू नहीं होने देंगे. एएनआई के साथ एक इंटरव्यू के दौरान रिजिजू ने कहा कि संसद में पास हुए कानून की ममता बेनर्जी ने अवहेलना की है, जो कि संविधान का अपमान है.
संविधान का अपमान
किरेन रिजिजू ने कहा, "पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और कुछ राजनीतिक नेता जो कर रहे हैं, वह कानून और संविधान दोनों का अपमान है. कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है. ममता बनर्जी खुद कह रही हैं कि वह इस कानून को अपने राज्य में लागू नहीं होने देगीं. इसे संविधान का उल्लंघन और लोगों को भड़काने की कोशिश मानी जाएगी."
हिंसा नेताओं के बयानबाजी का नतीजा
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और कई जगहों पर हुए हिंसक प्रदर्शन को किरेन रिजिजू ने राजनीतिक नेताओं के बयानबाजी का परिणाम कहा है. रिजिजू ने कहा, " मुर्शिदाबाद और कई जगहों पर हिंसा हुई है, जो ममता बनर्जी और कुछ नेताओं के बिना सोच-समझ कर दिए गए बयानों का नतीजा है."
बेकसूरों की मौत
इसके साथ ही उन्होंने राज्य के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, "पश्चिम बंगाल में हिंसा कौन रोकेगा? कानून-व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. जिस शख्स को कानून व्यवस्था बना कर रखनी चाहिए, वहीं हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं. जिससे बेकसूर लोगों की मौत हो रही है."