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Kisan Andolan: आज किसान करेंगे चौथे दौर की बातचीत; होगा रेल का चक्का जाम

Kisan Andolan: आज किसान और सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत होनी है. किसानों का कहना है कि अगर बातचीत बेनतीजा रही, तो वह अपना आंदोलन और तेज करेंगे.

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Kisan Andolan: आज किसान करेंगे चौथे दौर की बातचीत; होगा रेल का चक्का जाम
Siraj Mahi|Updated: Feb 18, 2024, 07:27 AM IST
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Kisan Andolan: किसान आंदोलन जारी है. पंजाब के किसान दिल्ली आने के लिए हर मुम्किन कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सरकार उन्हें दिल्ली आने से रोक रही है. ऐसे में दिल्ली के शंभू बॉर्डर पर किसान डेरा डाले हुए हैं. किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल के मुताबिक सरकार ने उन्हें आज बातचीत के लिए बुलाया है. उनका कहना है कि अगर रविवार को बात नहीं बनी तो हम धरना जारी रखेंगे. सरकार के साथ बातचीत के पहले किसानों ने महापंचायत बुलाई है. इस दौरान हरियाणा सरकार ने 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी है.

रेल का चक्का जाम
जानकारी के मुताबिक किसानों ने कहा है कि 18 फरवरी को पूरे देश में 12 बजे से लेकर 4 बजे तक पूरे देश में ट्रेनें रोकी जाएंगी. इस दौरान सभी टोल फ्री किए जाएंगे. किसान आंदोलन में पंजाब का सबसे बड़ा किसान संगठन बीकेयू (उग्राहां) भी शामिल हो गया है. खबरों के मुताबिक 18 फरवरी को किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) की अगुआई में किसानों और मजदूरों की महापंचायत की जाएगी. इसमें आगे क्या होना है इस पर बातचीत होगी.

आज होगी चौथे दौर की बातचीत
किसान संगठनों से सरकार की चौथे दौर की बातचीत चंडीगढ़ में होगी. केंद्र की तरफ से मीटिंग में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, अर्जुन मुंडा और पीयूश गोयल शामिल होंगे. दूसरी तरफ किसान मजदूर के नेता भी इसमें शामिल होंगे. किसानों की अहम मांग यह है कि उन्हें एमएसपी की खरीद पर गारंटी दी जाए, किसानों का कर्ज माफ किया जाए और स्वामीनाथन रिपोर्ट के रिकमेंडेशन लागू की जाएं. इसके अलावा भी किसानों की कई मांगें हैं. 

अध्यादेश लाने की मांग
जानकारी के मुताबिक अगर सरकार के साथ किसानों की बातचीत बेनतीजा रही तो किसान अपना आंदोलन तेज कर सकते हैं. बीते कल किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के संयोजक सरवर सिंह पंढेर ने कहा था कि "सरकार चाहे तो फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी दे सकती है. एक विधेयक को सरकार की तरफ से संसद में पेश किया जा सकता है और कानून में बदलाव किया जा सकता है. ऐसा कई मामलों में पहले ही किया जा चुका है."

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